कोरोना वायरस को लेकर दिल्ली में लॉकडाउन के बीच ही अब नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ तीन महीने से भी ज़्यादा समय से शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रहे लोगों को मंगलवार सुबह हटा दिया गया।
कोरोना वायरस को लेकर देश भर में पाबंदी और 'जनता कर्फ्यू' के बीच शाहीन बाग़ में प्रदर्शन स्थल पर पेट्रोल बम फेंके गए। इसमें कोई घायल नहीं हुआ है। बम फेंकने वालों के बारे में कुछ भी पता नहीं चला सका है।
The Vijai Trivedi Show: क्या इस वक़्त भी शाहीन बाग़ में प्रदर्शन करना ज़रूरी है? क्या भारत कोरोना वायरस से निपट भी पाएगा? और मध्यप्रदेश में कौन बनेगी मुख्यमंत्री? मध्यप्रदेश: कब तक चलेगी बीजेपी सरकार? देखिए इन सभी मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी का विश्लेषण।Satya Hindi
कोरोना की महामारी के बढ़ने से मोदी सरकार को शाहीन बाग़ का हल निकालने से निकल भागने का मौक़ा मिल गया है। अब केजरीवाल और शाहीन बाग़ आमने-सामने हैं और मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लिख कर दे दिया है कि वह एनआरसी भी लागू करेगी जबकि मोदी जी ने रामलीला मैदान में कुछ और कहा था। सरकार के हवाल पर सवाल कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह।
दिल्ली के शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून, एनपीआर और एनआरसी के ख़िलाफ़ लगातार चल रहे धरना-प्रदर्शन को तीन महीने पूरे हो चुके हैं। इस दौरान इस प्रदर्शन ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।
शाहीन बाग़ के प्रदर्शन और सड़क के बाधित होने के मामले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थों ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी।
शाहीन बाग़ प्रदर्शन को लेकर आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त यानी सीआईसी वजाहत हबीबुल्ला ने हलफ़नामा देकर कहा है कि प्रदर्शन को कहीं और शिफ़्ट नहीं किया जाए।
नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ दिल्ली के जाफ़राबाद इलाक़े में चल रहे प्रदर्शन में रविवार शाम को पत्थरबाज़ी हुई है। पत्थरबाज़ी की घटना मौजपुर इलाक़े में हुई है।
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे शाहीन बाग के लोगों और सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थों के बीच बातचीत का क्या नतीजा निकलेगा? क्या शाहीन बाग़ का धरना ख़त्म होगा? यदि यह ख़त्म भी हो गया ता देश के दूसरे हिस्सों में चल रहे प्रदर्शनों का क्या होगा? देखिए आशुतोष की बात?
सरकार एक इंच भी पीछे नहीं हटने की बात कहती है और शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारी आधा इंच भी पीछे हटने के लिये तैयार नहीं हैं। ऐसे में किस तरह इस मुद्दे का समाधान निकल पायेगा।
नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों के ख़िलाफ़ लगातार विवादित बयान दे रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक और ऐसा ही बयान दिया है।