अडानी-हिंडनबर्ग के मामले में जाँच के लिए सेबी आख़िर छह महीने का समय और क्यों मांग रहा है? सेबी ने आख़िर क्या जाँच की है? जानिए, इस मामले में उसने सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा।
अडानी समूह के खिलाफ जांच के लिए सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कम से कम 6 महीने का समय और मांगा है। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से 2 मई तक जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था। लेकिन सेबी की ओर से कल शनिवार को एक अर्जी दायर कर और समय मांगा गया है।
समिति के सदस्यों के रूप में
ओपी भट, रिटायर्ड जस्टिस जेपी देवदत्त, नंदन नीलाकेनी, केवी
कामथ, सोमशेखरन सुंदरेसन शामिल हैं। सुप्रीम
कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस न्यायमूर्ति एएम सप्रे इस समिति के अध्यक्ष होंगे।
अडानी समूह और हिंडनबर्ग रिसर्च के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है और केंद्र सरकार ने जाँच को लेकर क्या कहा। यह जाँच किस चीज की होगी?
अडानी समूह के खिलाफ सेबी कोई जांच कर रहा है। मीडिया की तरफ से खबरे हैं लेकिन कोई बयान नहीं है। अब तमाम आर्थिक अखबारों ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सेबी 15 फरवरी को वित्त मंत्री को इस कथित जांच के बारे में अपडेट देगा।
अडानी समूह पर लगे तमाम आरोपों के बीच नेशनल स्टॉक एक्सचेज ने अडानी की दो कंपनियों को निगरामी सिस्टम से हटा दिया है। यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है। दूसरी तरफ अडानी समूह के खिलाफ सरकार एजेंसियों की जांच की खबरें मीडिया में चारों तरफ से हैं लेकिन उन एजेंसियों ने अपनी तौर पर कोई घोषणा नहीं की है।
अडानी कांड पर भारी हंगामे और दस लाख करोड़ से ज्यादा स्वाहा होने के बाद भी सेबी कहां है? सूत्रों से खबर आई है कि सेबी विदेशी निवेशकों की शिनाख्त कर रहा है। लेकिन ऐसा कैसे हो पाएगा? इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट राजीव रंजन सिंह के साथ आलोक जोशी
रिपोर्ट आने के बाद से अडानी
समूह की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। एक तरफ उसके शेयरों में लगातार
गिरावट जारी है पिछले एक हफ्ते में उसकी मार्केट कैपटालाइजेशन 19.8 लाख करोड़ से घटकर
11.2 लाख करोड़ पर आ गई है।