हिंडनबर्ग रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट जनवरी 2023 में पहली बार राजनीतिक तूफ़ान खड़ा करने के क़रीब 18 महीने बाद आई है। जानिए, ताज़ा रिपोर्ट में सेबी प्रमुख पर क्या आरोप लगाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अडानी समूह को बड़ी राहत दी। अदालत में याचिकाएं दायर कर मांग की गई थी कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के संदर्भ में एसआईटी जांच कराई जाए। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्हें सेबी जांच पर भरोसा नहीं है। वहां हितों का भी टकराव है। अदालत के फैसले के बाद उद्योगपति गौतम अडानी ने भी टिप्पणी की है।
सुप्रीम कोर्ट अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर-मूल्य में हेराफेरी के आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर बुधवार को अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने जांच को सेबी से एसआईटी को सौंपने से इनकार कर दिया और कहा कि सेबी ने जांच में लापरवाही नहीं बरती है।
सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह से संबंधित मामले में आज मार्केट रेगुलेटर सेबी को जांच के लिए तीन महीने का समय दे दिया है। पिछली सुनवाई पर सेबी ने 6 महीने मांगे थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसी समय इशारा कर दिया था कि इतना लंबा समय नहीं मिलेगा और हम कम से कम तीन महीने का समय देंगे। उसकी घोषणा आज कर दी गई है।
अडानी समूह के खिलाफ जांच के लिए सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कम से कम 6 महीने का समय और मांगा है। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से 2 मई तक जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था। लेकिन सेबी की ओर से कल शनिवार को एक अर्जी दायर कर और समय मांगा गया है।
अडानी समूह के खिलाफ सेबी कोई जांच कर रहा है। मीडिया की तरफ से खबरे हैं लेकिन कोई बयान नहीं है। अब तमाम आर्थिक अखबारों ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सेबी 15 फरवरी को वित्त मंत्री को इस कथित जांच के बारे में अपडेट देगा।