2000 रुपये के नोटों को आरबीआई द्वारा वापस लिए जाने की घोषणा के बाद नोट बदलवाने के लिए प्रक्रिया पर संशय के बीच अब एसबीआई का एक दिशा-निर्देश सामने आया है। जानिए क्या है प्रक्रिया।
इससे पहले सोमवार की सुबह संसद सत्र शुरु होने से पहले विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद के बाहर लगी गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और अडानी मुद्दे पर सरकार से जेपीसी की मांग उठाई।
अडानी समूह विवाद के मामले में अब क्या ख़बर की जगह बयान परोसे जा रहे हैं? जानिए, एसबीआई ने जो अडानी समूह को 27,000 करोड़ रुपये दिए हैं उसको लेकर क्यों सवाल उठ रहे हैं।
अडानी समूह पर छाए संकट की वजह से एसबीआई सहित तमाम सरकारी बैंकों और एलसीआई को लेकर एक तरफ सवाल उठ रहे हैं तो दूसरी तरफ वित्त मंत्री, पूर्व वित्त सचिव ने शुक्रवार को देश को भरोसा दिया कि चिन्ता की कोई बात नहीं है।
एसबीआई ने 21000 करोड़ और पंजाब नेशनल बैंक ने अडानी समूह की कंपनियों को 7000 करोड़ का लोन दे रखा है। अडानी समूह इस समय संकट में है। शेयर मार्केट में उसकी कंपनियां डूब रही हैं। ऐसे में सवाल उठ खड़ा हुआ है कि कहीं सरकारी बैंकों के लोन पर तो कोई खतरा नहीं है, अगर ऐसा हुआ तो सरकारी बैंक डूब सकते हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के
बाद कांग्रेस पार्टी ने सेबी और आरबीआई से इस मसले का चांज कराने की मांग करते हुए
कहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की गंभीर जांच जानी चाहिए।
एसबीआई ने एक रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में जो तेज़ी आई है वह अगले महीने यानी अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में अपने शिखर पर होगी। यानी हर रोज़ कोरोना संक्रमण के मामले अप्रैल तक बढ़ने के आसार हैं।