आखिर सीरियल किलर क्यों बनते हैं ? उनकी मानसिकता क्या होती है ? संजीव पालीवाल वरिष्ट पत्रकार है, ने पढ़ताल की अपने नये उपन्यास ‘पिशाच’ में । हिंदी में नये तरह का प्रयोग है । ‘नैना’ के बाद ‘पिशाच’ उनका दूसरा उपन्यास है ? क्यों हिंदी में नहीं लिखे जाते स्तरीय जासूसी उपन्यास और थ्रिलर ? जरा हट के किताब चर्चा ।