महाराष्ट्र में शिवसेना का नाम और चिह्न को शिंदे खेमे को दिए जाने के विवाद के बीच अब उद्धव ठाकरे गुट के संजय राउत ने एक बड़ा आरोप लगाया है। जानिए उन्होंने क्या शिकायत की है।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने आरोप लगाया है कि शिवसेना का नाम और सिंबल एकनाथ शिंदे गुट को देने में 2000 करोड़ की डील हुई है। शीघ्र ही वो इस मामले में और खुलासा करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के फ़ैसले को वैध ठहराया है। लेकिन विपक्षी दल क्यों नोटबंदी के फ़ैसले की आलोचना करते हैं? जानिए, संजय राउत नोटबंदी को लेकर क्या टिप्पणी की।
महाराष्ट्र में शिवसेना शिंदे गुट के विधायक बीजेपी में जा सकते हैं। यह बात संजय राउत ने कही। उन्होंने इसकी वजह भी बताई है। दूसरी तरफ शिंदे गुट के एक विधायक दो दिन पहले ऐसा ही कुछ बोल रहे थे। विधानसभा सत्र में भी मंत्रियों और विधायकों में तनातनी दिखी। दिलचस्प होता जा रहा है महाराष्ट्र का घटनाक्रमः
शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) के मुखपत्र सामना में संजय राउत ने आज रविवार 1 जनवरी को लिखा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2024 में बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने अपने साप्ताहिक कालम में राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा की जमकर तारीफ की।
शिवसेना के प्रखर नेता संजय राउत 100 दिन तक जेल में रहे । अदालत ने उनकी गिरफ़्तारी को ग़ैरक़ानूनी करार दिया । उनको अंडा सेल में रखा गया । आशुतोष से ख़ास बातचीत में संजय राउत ने कहा कि उनको सबक़ सिखाने के लिये उन्हें जेल में डाला गया । जेल में कैसे बीते संजय राउत के दिन
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के एक बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। जानिए उन्होंने ऐसा क्या कहा कि संजय राउत ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के इस्तीफ़े की मांग कर डाली।
संजय राउत को ईडी ने पात्रा चॉल री-डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट के मामले में कथित रूप से हुई वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर इस साल जुलाई में गिरफ्तार कर लिया था और वह 9 नवंबर को जेल से बाहर आए हैं। वह लगभग 100 दिन तक जेल में रहे।
संजय राउत को 103 दिन बाद पीएमएलए कोर्ट से रिहा किया गया है। उनकी रिहाई को चुनौती दी गई है लेकिन यह प्रकरण ईडी के काम करने के तरीके पर सवाल खड़ा करता है! संजय राउत का अगला कदम क्या होगा?
संजय राउत की जमानत के मामले में पीएमएलए कोर्ट की जांच एजेंसी ईडी को लेकर सख्त टिप्पणी और इसी तरह आजम खान के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद रामपुर सीट पर चुनाव कार्यक्रम रद्द होना, ये दोनों ही मामले बेहद अहम तो हैं ही लेकिन इस सवाल को भी मजबूती से खड़ा करते हैं कि क्या आज़म और संजय राउत को राजनीतिक बदले का शिकार बनाया गया।
क्या है पात्रा चॉल री-डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट और इसमें संजय राउत पर क्या आरोप हैं। ईडी का इस मामले में क्या कहना है और पीएमएलए अदालत ने अपने आदेश में क्या अहम बातें कही हैं।