किसी भी राज्य में चुनाव के दौरान स्थानीय समस्याओं और मुद्दे से दूर हटाकर चुनाव प्रचार को राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों या राष्ट्रवाद से जोड़ने का जो 'मोदी मॉडल' है वह चला ही नहीं।
महाराष्ट्र में 50-50 फ़ॉर्मूला कैसा होगा? मुख्यमंत्री कौन बनेगा? उप-मुख्यमंत्री पद होगा या नहीं? क्या उद्धव ठाकरे सत्ता का रिमोट शिवसेना के पास रखने की फिराक में हैं?
शरद पवार को 6 को 60 बनाने का हुनर आता है! इस बार जब विधानसभा चुनाव से पहले एक-एक कर सभी पुराने साथी पार्टी छोड़कर जाने लगे तो शरद पवार यह बात सभाओं में दोहराने लगे थे।
महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बात स्पष्ट कर दी है कि देश की जनता का जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर क्या रुख है।
क्या कांग्रेस यह मानने को तैयार हो गयी है कि सावरकर गाँधी की हत्या के आरोपी नहीं थे? या कांग्रेस अपनी विचारधारा को कोई नई दिशा देने की कवायद में लगी हुई है?
महाराष्ट्र के 16 हज़ार से ज्यादा किसानों ने भले ही आत्महत्या कर ली हो, पिछले भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के मंत्रियों के पिछले पांच साल बहुत मजे के रहे।
एक बार फिर सावरकर को भारत रत्न देने की बात उठी है और वह भी चुनावी मौसम में। इस बार यह बात भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में छापकर चर्चा में लायी गयी है।
मोदी सरकार 1.0 में सबसे ज़्यादा किसी मंत्रालय के काम को सराहा गया था तो वह था नितिन गडकरी का जहाजरानी और भू-तल परिवहन मंत्रालय। लेकिन वही नितिन गडकरी महाराष्ट्र चुनाव में कहीं दिख क्यों नहीं रहे हैं?
महाराष्ट्र में चुनाव हैं इसलिए यहाँ पर प्याज चुनावी मुद्दा बनता दिख रहा है। किसान संगठनों ने प्रदेश में 'कांदा सत्याग्रह' शुरू कर दिया है। क्या चुनाव पर इसका असर पड़ेगा?