महाराष्ट्र में काफ़ी मशक्कत के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार तो बन गई है, लेकिन क्या यह नयी सरकार अब आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों से निपट पाएगी?
संजय राउत ने मीडिया से कहा कि शनिवार को शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस, तीनों ही पार्टियों के नेता अपने विधायकों के पत्र राज्यपाल को सौंप देंगे।
भारतीय राजनीति में ग़ैर-कांग्रेसवाद का एक बड़ा दौर रहा है लेकिन अब क्या देश आने वाले समय में ग़ैर-भाजपावाद की राजनीति की ओर बढ़ने वाला है? क्या कांग्रेस विचारधारा से समझौता करेगी?
महाराष्ट्र में जब से शिवसेना ने अपने 30 साल के राजनीतिक साथी बीजेपी से अलग होकर नए विकल्पों की राह पकड़ी है, दोनों पार्टियों में ‘रार’ है कि थमने का नाम नहीं ले रही है।
महाराष्ट्र में क्या अब विधायकों की ख़रीद-फ़रोख्त शुरू हो गयी है? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि बीजेपी की तरफ़ से शिवसेना के एक-एक विधायक को 50-50 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया है।
महाराष्ट्र में पिछले दो सप्ताह से नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि प्रदेश के मराठवाड़ा क्षेत्र में पिछले चार दिनों के दौरान 10 किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आए हैं।
क्या महाराष्ट्र में सत्ता स्थापित करने का विकल्प तैयार हो रहा है? शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत की राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार के साथ हुई बैठक के बाद अब क्या होगा?
2014 में बीजेपी ने शोर-शराबे के बीच बहुमत सिद्ध करने की घोषणा करा ली थी। तो क्या शिवसेना इस बार बीजेपी की ऐसी ही किसी चाल से बचने की रणनीति तैयार कर रही है।