वुहान से मुंबई? कोरोना वायरस से लड़ने के लिए क्या देश की आर्थिक राजधानी मुंबई वाक़ई में तैयार है? क्या मुंबई में भी चीन के वुहान शहर की तरह शटडाउन का फ़ॉर्मूला इस्तेमाल करने की नौबत आएगी?
विधानसभा सत्र में कैग की जो रिपोर्ट पेश हुई है उसमें फडणवीस सरकार के कार्यकाल के दौरान विभिन्न परियोजनाओं के लिए दिए गए टेंडरों में भारी अनियमितता और क़ायदे -क़ानून के साथ खिलवाड़ करने की तरफ़ इशारा करती है।
सूत्रों के अनुसार महाविकास आघाडी सरकार, फडणवीस मंत्रिमंडल के उन मंत्रियों के भ्रष्टाचार के आरोपों की रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने जा रही है जिन्हें क्लीनचिट दे दी गयी थी।
ट्रंप के दौरे के चलते अहमदाबाद में झुग्गी-झोपड़ियों के आगे दीवार बनाई जा रही है। लेकिन हुक्मरानों को यह समझना चाहिए कि दीवार खड़ी करने से ग़रीबी नहीं छुपेगी।
हिंदूवादी संगठन सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाए जाने का मामला एक बार फिर चर्चा में है। इस बार अदालत ने सरकार से पूछा है कि किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने की क्या प्रक्रिया है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया, लेकिन शिक्षा के लिए उन्होंने क्या दिया? पिछले बजट में की गई घोषणाएँ कब पूरी होंगी और आख़िर ये बदलाव कब आयेंगे?
दो साल पहले हुआ भीमा कोरेगाँव हिंसा क्या तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार का षडयंत्र था? महाराष्ट्र के एक प्रमुख समाचार पत्र ने शरद पवार द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिए गए एक पत्र के हवाले से इस पर ख़बर छापी है।
महाराष्ट्र में राज ठाकरे ने अपनी पार्टी को नया 'लुक' दिया है। पार्टी ने स्थापना के 14वें साल पर पहली बार राज्य स्तरीय अधिवेशन बुलाया और न सिर्फ़ अपने झंडे का रंग बदला बल्कि कई और बदलाव किए।
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य में 26 जनवरी से सभी स्कूलों में प्रतिदिन सुबह प्रार्थना के बाद संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य होगा।
महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार के दौरान 2019 में गणना के अनुसार खेती में प्रयोग किए जाने वाले बैलों की संख्या में 32% तथा दूध देने वाली गायों की संख्या में 13% की कमी आयी है।
कुछ श्रद्धालु पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान मानते हैं जबकि शिरडी के लोगों का दावा है कि साईं बाबा का जन्मस्थान अज्ञात है। जन्म स्थान के इस विवाद को लेकर अब राजनीति गरमाने लगी है।
संजय राउत के करीम लाला-इंदिरा गाँधी मुलाक़ात वाले बयान पर विवाद क्यों? दावे यह भी कि करीम लाला तो शरद पवार, बालासाहब ठाकरे, राजीव गाँधी से भी मिलते रहे हैं।