बसपा नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली बुधवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। अखिलेश यादव ने अपनी मौजूदगी में उन्हें सपा की सदस्यता दिलाई। लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है। आखिर यह शख्स कौन है, सपा के लिए कितना जरूरी हो गया था यह नाम और चेहरा, जानिएः
अखिलेश यादव और सपा को कांग्रेस से गठबंधन बहुत महंगा पड़ रहा है। राज्यसभा चुनाव में सपा विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करके अखिलेश की साख पर चोट कर दी। सपा ने आरोप लगाया कि भाजपा किसी भी तरह सपा-कांग्रेस तालमेल को बर्दाश्त नहीं कर पा रही। यूपी के घटनाक्रम के बाद सीबीआई ने अखिलेश को समन भेजकर गुरुवार को पूछताछ के लिए बतौर गवाह तलब किया है। ये सारे घटनाक्रम किस तरफ इशारा कर रहे हैंः
यूपी में अचानक कैसे जागी सपा के दलबदलू विधायकों की अंतरात्मा? बीजेपी ने उन्हें डराया या खरीदा? हिमाचल में बीजेपी ने कैसे की तोड़-फोड़? क्या हिमाचल सरकार को गिरा पाएगी बीजेपी? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- उमाकांत लखेड़ा, पूर्णिमा त्रिपाठी, सतीश के. सिंह, नीरेंद्र नागर-
राज्यसभा चुनाव समाजवादी पार्टी में आफत लेकर आया है। उसके कई विधायकों ने इस चुनाव में बगावत कर दी है और भाजपा प्रत्याशियों के लिए वोट किया है। इस घटनाक्रम का सीधा संबंध आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 से है। अगड़ी जाति के बगावत करने वालों विधायकों की वजह से अखिलेश यादव की राजनीति को झटका लगा है। यूपी में कांग्रेस-सपा गठबंधन के बाद जो मनोवैज्ञानिक दबाव भाजपा पर बना था, उसने उसे छिन्न-भिन्न कर दिया है।
अंबेडकर नगर से बसपा सांसद रीतेश पांडे ने रविवार 25 फरवरी को पीएम मोदी की तारीफ करते हुए भाजपा में शामिल हो गए तो बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा का नाम लिए बिना तीखा हमला किया। रीतेश पांडे के पिता राकेश पांडे उसी जिले से सपा के विधायक हैं। पूर्वी यूपी में राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं। जानिए रविवार का घटनाक्रमः
कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के बाद आम आदमी पार्टी से सीट शेयरिंग पक्की कर ली है। भाजपा को निश्चित रूप से इससे झटका लगा है। यूपी में अगर सपा, कांग्रेस और कुछ क्षेत्रीय दलों ने मिलकर भाजपा को चुनौती दी तो समीकरण बिगड़ सकता है। लेकिन दूसरी तरफ पंजाब को लेकर आप और कांग्रेस खामोश हैं। इस तरह दोनों दलों के बीच अभी भी पसोपेश की स्थिति तो बनी ही हुई है। जानिए इस राजनीति कोः
समाजवादी पार्टी और कांगेस में यूपी की सीटों के बंटवारे को लेकर समझौता हो गया है। सामने आयी खबरों के मुताबिक समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 17 सीटें देने के लिए राजी हो गई है।
स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी छोड़ने के जो कयास पिछले कुछ हफ्तों से लगाए जा रहे थे, अब उसको लेकर उन्होंने खुद घोषणा की है। जानिए, उनकी अब आगे क्या योजना है।
यूपी की राजनीति में अब सभी की नजरें समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर है। नाराज स्वामी प्रसाद मौर्य ने अलग पार्टी बनाने की मुहिम शुरू कर दी है। सपा के वरिष्ठ नेता सोमवार को उन्हें मनाने उनके घर पहुंचे। दूसरी तरफ बदायूं से पांच बार सांसद रहे सलीम शेरवानी ने मुस्लिम मुद्दे पर अखिलेश का घेरा। महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले पल्लवी पटेल का गुस्सा सामने आ ही चुका है। अखिलेश किस तरह घिर गए हैं, जानिएः
लोकसभा चुनाव के लिए अभी अधिसूचना भी जारी नहीं हुई है, लेकिन समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवारों की सूची जारी करनी शुरू कर दी है। जानिए, पहली सूची में किसका किसका नाम।
बीजेपी ने राम मंदिर का पूरा राजनीतिक लाभ लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, ऐसे में विपक्ष के लिए 2024 के लिए चुनौती स्पष्ट रूप से और भी कठिन हो गई है। क्या सपा, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल की संयुक्त ताकत मुकाबला कर पाएगी? 'हिंदू सम्राट' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी की ताकत के खिलाफ?
बिहार में जहां नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से निकलने के मंसूबे बना रहे हैं, वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कांग्रेस से 11 सीटों पर समझौते का ऐलान कर दिया। यानी यूपी में इंडिया गठबंधन के महत्वपूर्ण दल सपा, कांग्रेस, आरएलडी और अपना दल (कमेरावादी) मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। यूपी में लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें हैं। हालांकि यूपी में भाजपा बहुत मजबूत स्थिति में है लेकिन इंडिया गठबंधन की ताकत भी अब कम नहीं है।
उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल मिलकर लड़ेंगे। दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है। सूत्रों की ओर से दावा किया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय लोक दल को 7 सीटें देने को तैयार हो गई है।
इंडिया गठबंधन के दलों में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है। कांग्रेस ने यूपी के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी से पहले दौर की बातचीत पूरी कर ली है। अगली बैठक 12 जनवरी को है। जिसमें सीटों पर अंतिम निर्णय हो सकता है।