मालेगाँव धमाकों को लेकर ले. कर्नल पुरोहित ने अपने बचाव में उस ख़त का भी हवाला दिया जो उन्होंने इंटेलिजेंस अधिकारी को लिखा था। इसमें उन्होंने बताया था कि आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार का भी ही हाथ था।
मानवाधिकार आयोग ने 2015 में साफ़ तौर पर कहा था कि साध्वी प्रज्ञा को यातना दिये जाने का कोई सबूत नहीं है तो प्रज्ञा अब फिर से क्यों कथित यातना दिये जाने की बात उछाली?
प्रज्ञा सिंह के बयान के बाद शहीद हेमंत करकरे को सोेशल मीडिया की 'चौकीदार सेना' द्वारा लगातार गालियाँ देने वाले लोग आखिर कौन हैं? इस मुद्दे देखिए वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह की रिपोर्ट।
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिशनर जूलियो रिबेरो ने कल कहा कि हेमंत करकरे से उनकी मुंबई हमले से एक दिन पहले मुलाक़ात हुई थी जिससे पता चलता था कि उनपर कोई ’अदृश्य’ दबाव था और इस कारण वे बेहद तनाव में थे।
पूछताछ के दौरान जब कर्नल पुरोहित ने चार-पाँच बार पूछे जाने पर भी कुछ नहीं कहा था तो एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे ने प्रज्ञा से पूछा, ‘आप इनको जानती हैं?’ प्रज्ञा ने कहा, ‘हाँ, जानती हूँ। ये वही कर्नल हैं।’
राजनीति में आते ही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने मुंबई हमले में शहीद हुए पूर्व एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग किया है जो एक शहीद के लिए साफ़ तौर पर अपमानजनक है।
क्या बीजेपी के पास सरकार की विफलताओं और पार्टी के 2014 के वायदों की नाकामी से बचने का कोई रास्ता नहीं है। क्या पुलवामा और बालाकोट की घटनाओं से भी पार्टी को नया रास्ता नहीं मिला?
दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ चुनाव में उतारने की घोषणा के साथ ही साध्वी प्रज्ञा सिंह एक बार फिर ख़बरों में हैं। साध्वी को स्वास्थ कारणों से जमानत मिली है। क्या रद्द होनी चाहिए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की जमानत? देखिए वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष क्या कहते हैं।
दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ चुनाव में उतरने की घोषणा के साथ ही साध्वी प्रज्ञा सिंह एक बार फिर ख़बरों में हैं। वे मालेगाँव धमाका मामले में मुख्य अभियुक्त हैं, अदालत ने उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने को कहा है। प्रज्ञा फ़िलहाल ज़मानत पर हैं।
कांग्रेस द्वारा दिग्विजय सिंह को और बीजेपी की ओर से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को प्रत्याशी घोषित किये जाने से भोपाल की जंग और ज़्यादा दिलचस्प हो गई है।
स्वास्थ्य कारणों से ज़मानत पर जेल से बाहर आईं साध्वी प्रज्ञा के चुनाव लड़ने के ख़िलाफ़ एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका मालेगाँव धमाके के एक मृतक के पिता ने दायर की है।