यूक्रेन में रूसी सैनिक जैसे-जैसे आगे बढ़ते जा रहे हैं और रूस उतना ही बुरी तरह से फँसता दिख रहा है आर्थिक मोर्चे पर! क्या आर्थिक प्रतिबंधों को झेल पाएगा रूस?
यूक्रेन के खारकीव शहर में छात्र तमाम मुसीबतों से घिरे हुए हैं, जबकि रूस का हमला उस शहर में बढ़ता जा रहा है। भारत सरकार के दावों के विपरीत वहां किसी तरह की मदद नहीं पहुंची है।
रूस औऱ यूक्रेन के बीच हो रही जंग को देखते हुए सभी भारतीयों को वहां से निकालना बेहद मुश्किल काम बन गया है। भारतीय छात्रों और उनके परिजनों की चिंता भी बढ़ती जा रही है।
रूस और यूक्रेन की सेनाओं के बीच युद्ध जारी है। रूस ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं और उसकी सेनाओं का बड़ा काफिला लगातार यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर बढ़ रहा है। जानिए, बुधवार को कैसे चले घटनाक्रम।
यूक्रेन पर हमला करने के बाद से ही रूस पर दुनिया के कई देशों ने तमाम तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं लेकिन सवाल यह है कि क्या इन प्रतिबंधों से उसे कोई नुकसान होगा?
यूक्रेन में रूस के हमले के बाद भारतीयों को बचाने के लिए युद्ध क्षेत्र में भारतीय विमान उतरने के दावे किस आधार पर किए जा रहे हैं? जानिए, कैसे ग़लत है यह दावा।
रूस का यूक्रेन पर आक्रमण बढ़ता जा रहा है। हर तरीके का प्रतिबन्ध बेअसर लग रहा है। इस संकट के बीच अमेरिका लाचार नज़र आ रहा है। क्या अमेरिका का जलवा रूस ने ख़त्म कर दिया है?
पश्चिमी देशों ने रूस की आर्थिक नाकेबंदी करके उसे कड़ा संदेश भेजा है। रूस का सारा व्यापार धीरे-धीर ठप हो रहा है। वहां की मुद्रा रूबल गिर रही है। पश्चिमी देशों की बड़ी कंपनियों ने रूस से व्यापारिक नाता तोड़ लिया है।
दे डेली मेल ने टाइम्स के हवाले से बहुत सनसनीखेज खुलासा किया है। इसमें कहा गया है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की हत्या के लिए भाड़े के सैनिक अफ्रीका से भेजे गए हैं।
दूतावास की इस एडवाइजरी से मतलब यह निकलता है कि आने वाले दिनों में यूक्रेन और कीव में हालात और खराब हो सकते हैं। ऐसे में भारतीयों को वहां से निकालना बड़ी चुनौती बन गया है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। UN की आम सभा में भारत- कूटनीतिक संवाद ही एक समाधान । संयुक्त राष्ट्र में आपस में उलझे यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधि