रूस ने यूक्रेन पर 36 मिसाइलों से ताजा हमला किया है। इस बार यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों को निशाना बनाया गया। यूक्रेन के कई शहर अंधेरे में डूब गए हैं। जल्द ही वहां पानी का संकट भी पैदा हो जाएगा। हालात खौफनाक हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच फिर से बढ़ते युद्ध और यूक्रेन में तेज होते हमलों को देखते हुए फिर से अलर्ट बढ़ गया है। जानिए भारत ने अपने नागरिकों को क्या चेतावनी दी है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन के कई शहरों में लगातार बम धमाके हो रहे हैं और इसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे शेल्टर से बाहर ना निकलें।
पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर कहा था कि भारत सुलह कराने को तैयार है। दोनों देश युद्ध बंद करें। भारतीय मीडिया ने मंगलवार रात को इस खबर को प्रमुखता से चलाया था। लेकिन जेलेंस्की ने पीएम मोदी को जो जवाब दिया, वो पूरी बात सामने नहीं आई थी। जानिए जेलेंस्की ने मोदी से और क्या कहा।
क्या भारत अब रूस और यूक्रेन के बीच किसी शांति वार्ता के प्रस्ताव पर मध्यस्थता करने को तैयार है? क्या भारत दोनों देशों के बीच शांति बहाल करा सकता है? जानिए मोदी और ज़ेलेंस्की में क्या बात हुई।
यूक्रेन के चार इलाकों में रूस जनमत संग्रह करा रहा है। यूक्रेन, अमेरिका, यूरोप और उसके समर्थक देश इसके खिलाफ हैं। लेकिन रूस आखिर वहां जनमत संग्रह करवा कर क्या हासिल करना चाहता है। समझिए इस पूरे गणित को।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पहली बार रूस के खिलाफ वोट किया। इसे क्या माना जाए, क्या अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के दबाव में भारत की रूस नीति बदल रही है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कई देशों में आख़िर अपने राजदूतों को क्यों हटाया? क्या इसलिए कि वो राजदूत यूक्रेन के समर्थन में उन देशों को नहीं जुटा पाए?
एक और यूरोपीय देश फिनलैंड का नाटो में जल्द ही शामिल होना अब लगभग तय लग रहा है और स्वीडन भी उसी रास्ते पर चल सकता है। क्या रूस के लिए यह एक बड़ा झटका नहीं है?