यूक्रेन में फंसे काफी भारतीय छात्रों को रोमानिया के रास्ते वापस लाया जा रहा है। भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात कर अपनी चिन्ताओं से अवगत कराया है। इनकी बातचीत के बाद सरकार पूरी तरह दबाव में आ गई है। अब छात्रों को वापस लाने की खबरें मीडिया को बताई जा रही हैं। पूरा फोकस अब यही है। इस बीच कुछ भारतीय छात्र पैदल चलकर पोलैंड की सीमा तक पहुंचे हैं।
जिस तरह रूस और यूक्रेन की सेनाएं आमने-सामने हैं और भयंकर युद्ध चल रहा है, उससे आम लोग वहां बुरी तरह फंस गए हैं और उन्हें वहां से सुरक्षित निकाल पाना भी बेहद कठिन है।
यूक्रेन में हजारों भारतीय फंसे हुए हैं, जिनमें स्टूडेंट्स की तादाद कम नहीं है। सभी भारत सरकार से उम्मीदें लगाए बैठे हैं. इनमें से कुछ स्टूडेंट्स से सत्य हिन्दी ने बात की।
यूक्रेन में रूस के हमले के बाद ख़बरें आ रही हैं कि मेडिकल के भारतीय छात्र वहाँ फँसे हुए हैं? आख़िर इतनी बड़ी संख्या में मेडिकल छात्र यूक्रेन में क्यों गए?
व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ लंदन, बेरूत, लॉस एंजेलिस, मॉस्को, टोक्यो, जेरूसलम आदि शहरों में हुए हैं। इन प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे हैं।
अमेरिका ने कहा है कि नए प्रतिबंधों से रूस के वित्तीय ढांचे पर चोट पड़ेगी और वह आगे भी इस तरह की कार्रवाई करता रहेगा। लेकिन रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है।
हमले के दूसरे दिन रूसी सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव के नज़दीक पहुँच गए हैं, लेकिन यूक्रेनी सेना से उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है।जानिए, शुक्रवार को दिनभर कैसे चले घटनाक्रम।
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन के साथ बातचीत में यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और कहा कि वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । रिपोर्ट्स : कीव की तरफ बढ़ रही है रूस की सेना, दर्जनों की मौत । रिपोर्ट्स : रूसी हमले में अस्पताल में चार की मौत, कई घायल