यूक्रेन में बेहद खराब हालात में फंसे भारतीयों को लाने में मोदी सरकार नाकाम दिखी है। भारतीयों को लाना सरकार का फर्ज है लेकिन सरकार इसमें भी वाहवाही लूटना चाहती है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्र कह रहे हैं कि वे माइनस 5 डिग्री तापमान में हैं और भोजन और पानी की दिक्कतें हैं। यूक्रेन की सीमा पार करने में दिक्कतें हो रही हैं। तो क्या उन तक मदद नहीं पहुँच रही है?
यूक्रेन में फँसे भारतीयों के लगातार आ रहे वीडियो परेशान करने वाले हैं। वे बेहद पीड़ा से गुज़र रहे हैं। जानिए, इसी पीड़ा को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने मोदी सरकार को क्या कहा।
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र बेहद मुश्किल में हैं, वे लोग बंकरों-मेट्रो स्टेशनों में छुपे हुए हैं, ऐसे में उनकी सुरक्षित वतन वापसी का मसला बेहद गंभीर हो गया है।
यूक्रेन में रूसी हमले के बाद से तबाही का मंजर है। दोनों देशों के कई जवानों की मौत इस हमले में हो चुकी है। हजारों लोगों को यूक्रेन से विस्थापित होना पड़ा है।
रूसी हमले में यूक्रेन में इंटरनेट सेवाएं बाधित हो गई हैं तो ऐसे में स्पेसएक्स के मालिक एलोन मस्क ने अपनी कंपनी स्टारलिंक की सेवाएं वहां दे दी हैं। तमाम सोशल मीडिया मंचों पर रूसी प्रोपेगेंडा को रोका जा रहा है।