मोहन भागवत से लेकर इंद्रेश कुमार तक चुनाव नतीजों को अहंकार से क्यों जोड़ रहे हैं? क्या संघ बीजेपी के ख़िलाफ़ हो गया है या फिर संघ की कुछ और ही ‘चाल’ है?
Satya Hindi news Bulletin | RSS के बाद अब VHP भी BJP सरकार से खफा! कहा- हिंदुत्व का उत्तराधिकारी कहा जाए या नहीं? | RSS नेता इंद्रेश कुमार के बयान पर बोले केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी?
संघ के तेवर बदले हुए है. भागवत गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में प्रवास कर रहें है वे योगी आदित्यनाथ के अतिथि हैं. योगी और शाह का सम्बंध जगजाहिर है. दूसरी तरफ संघ के दिग्गज प्रचारक इंद्रेश कुमार ने बिना नाम लिए नेता के अहंकार का मुद्दा उठाया. सभी जानते हैं निशाने पर मोदी हैं. संघ की रणनीति क्या है?आज की जनादेश चर्चा.
आख़िर संघ एकदम से मोदी पर ही क्यों टूट पड़ा है? उसे दूसरे बीजेपी नेताओं का अहंकार क्यों नहीं दिख रहा? वह अभी तक क्यों चुप रहा था? क्या संघ मोदी के लिए कोई बिसात बिछा रहा है?
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और संघ के मुखपत्र ऑर्गनाइजर के बाद अब एक और बड़े आरएसएस नेता ने बीजेपी पर हमला क्यों किया? जानिए, इंद्रेश कुमार ने चुनाव नतीजों पर क्या कहा।
संघ प्रमुख भागवत ने मोदी पर तीखे हमले क्यों किए? उन्हें परोक्ष रूप से अहंकारी, झूठा और समाज को बाँटने वाला क्यों बताया? आख़िर क्या है उनका सीक्रेट प्लान?
मोदी मंत्रिमंडल का गठन । लेकिन आरएसएस नाराज । संघ प्रमुख का हमला, सेवक कभी अहंकारी नहीं होता । जो अहंकारी है वो सेवक नहीं होता । ऐसे में कैसे चलेगी मोदी सरकार ? कैसे पूरे होंगे पाँच साल ? आशुतोष के साथ विनोद अग्निहोत्री, विजय त्रिवेदी, कार्तिकेय बत्रा, अफ़रीदा रहमान और यशोवर्धन आजाद
प्रधानमंत्री मोदी ने आख़िर सोशल मीडिया हैंडलों से 'मोदी का परिवार' हटाने को क्यों कह रहे हैं? कहीं एनडीए गठबंधन और आरएसएस प्रमुख के एक दिन पहले आए बयान का असर तो नहीं है?
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा नुक़सान क्यों उठाना पड़ा? क्या उसको अपने ऊपर अति आत्मविश्वास हो गया था? जानिए आरएसएस ने चुनाव नतीजों और बीजेपी के प्रदर्शन पर क्या कहा।
भाजपा आईटी सेल चलाने वाले अमित मालवीय पर यौन शोषण का आरोप लगा है। आरोप आरएसएस के सदस्य की ओर से आया है। इस पर मालवीय ने आरएसएस के सदस्य को नोटिस भेजा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गंभीर आरोप लगाए हैं और मालवीय पर कार्रवाई की मांग की है। कथित राष्ट्रीय मीडिया इस खबर में रुचि नहीं दिखा रहा है। यहां जानिए पूरी खबरः
जेपी नड्डा ने कहा है कि भाजपा अब आत्मानिर्भर है और अपने मामलों में निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम है। तो क्या यह बयान आरएसएस और भाजपा के बीच किसी भी तरह के मतभेदों को दिखाता है? जानिए, क्या है वास्तविक स्थिति।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अभी हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि भाजपा अब आरएसएस पर निर्भर नहीं है। वो खुद में यह चुनाव जीतने में सक्षम है। इस बयान के बाद देश में भाजपा-संघ रिश्तों पर बहस शुरू हो गई। यह बहस भी हुई कि कैसे मोदी और शाह ने आरएसएस को उसकी जगह बता दी। वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव ने इसका कुछ अलग विश्लेषण किया है। उन्हीं से जानिएः
क्या संघ मोदी से नाराज़ हैं? इस नाराज़गी की क्या वज़ह हो सकती है? क्या पहले दो चरणों में मतदान में गिरावट इसीलिए हुई? वरिष्ठ पत्रकार विवेक देशपांडे का विश्लेषण -