जीडीपी विकास दर की रिपोर्ट मंगलवार को जारी हुई। इसमें चौथी तिमाही में वह दर गिरकर 4.1 फ़ीसदी तक पहुँच गई। ऐसे में क्या बेतहाशा बढ़ती महंगाई भारत के विकास की गति को बेपटरी कर देगी?
पिछले कुछ दिनों से भले ही वाराणसी के ज्ञानवापी मसजिद विवाद पर चारों तरफ़ शोर है, लेकिन इस शोर के बीच ही महंगाई के आँकड़े भी सामने आए हैं। जानिए, खुदरा के बाद अब थोक महंगाई का हाल।
रिजर्व बैंक ने चौंकाया है। इसने रेपो रेट 40 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ा दिया है। अब यह बढ़कर 4.40% हो गया है। तो इस बढ़ोतरी के मायने क्या हैं? इससे किसे क्या फायदा और क्या नुक़सान होगा?
जीडीपी यानी सकल घरेलू विकास दर पर माथापच्ची जारी है। रिज़र्व बैंक ने आज ही कहा है कि आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी विकास दर 10.5 फ़ीसदी रहेगी। आईएमएफ़ ने भी कहा है कि यह दर 12.5 फ़ीसदी रहेगी। पर कैसे संभव?
बजट पेश किए जाने के बाद पहली बार भारत के रिज़र्व बैंक ने सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की विकास दर का अनुमान व्यक्त किया है। इसने कहा है कि 2021-22 में जीडीपी 10.5 फ़ीसदी रहने का अनुमान है।
रिजर्व बैंक के एक समूह ने राय दी है कि देश के बड़े उद्योग घरानों को बैंकिंग लाइसेंस दिए जा सकते हैं। जानकार इस प्रस्ताव पर सवाल उठा रहे हैं इसपर हैरानी नहीं होनी चाहिए। हैरानी की बात तो यही है कि इस वक्त ऐसा प्रस्ताव आया क्यों?
भारत के बैंकिंग क़ारोबार में बड़ी खलबली की तैयारी है। रिज़र्व बैंक के एक समूह ने राय दी है कि देश के बड़े उद्योग घरानों को बैंकिंग लाइसेंस दिए जा सकते हैं। जानिए क्यों रघुराम राजन और विरल आचार्य ने की आलोचना...
आरबीआई का अनुमान है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी में 8.6 फ़ीसदी की सिकुड़न आएगी। अब तकनीकी तौर पर भी कहा जा सकता है कि भारत में आर्थिक मंदी आ गई है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।RBI: भारत की जीडीपी वृद्धि दर -9.5 फ़ीसदी रहने के आसार।भीमा कोरेगाँव केस : एक्टिविस्ट स्टैन स्वामी को NIA ने किया गिरफ़्तार