सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से संकेत मिलता है कि आर्थिक विकास उम्मीद से धीमा रहा है। वैश्विक आर्थिक स्थिति तनावपूर्ण है जो आगे चलकर विकास की गति पर चिंताएं बढ़ा सकता है।
अडानी समूह पर लगे तमाम आरोपों के बीच नेशनल स्टॉक एक्सचेज ने अडानी की दो कंपनियों को निगरामी सिस्टम से हटा दिया है। यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है। दूसरी तरफ अडानी समूह के खिलाफ सरकार एजेंसियों की जांच की खबरें मीडिया में चारों तरफ से हैं लेकिन उन एजेंसियों ने अपनी तौर पर कोई घोषणा नहीं की है।
आरबीआई ने 2023-24 के लिए रेपो दर को 6.5% तक बढ़ा दिया है। वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि 6.4% पर रहेगी। लेकिन रेपो रेट बढ़ने से जनता की जेब ढीली होगी। उसे मिलने वाला हर तरह का लोन महंगा हो जाएगा।
अडानी समूह के शेयर में आए उथल-पुथल से क्या भारतीय बैंकों के लिए कोई बड़ा जोखिम है? आख़िर यह सवाल क्यों उठ रहा है? जानिए इसके बारे में आरबीआई ने क्या कहा।
रिपोर्ट आने के बाद से अडानी
समूह की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। एक तरफ उसके शेयरों में लगातार
गिरावट जारी है पिछले एक हफ्ते में उसकी मार्केट कैपटालाइजेशन 19.8 लाख करोड़ से घटकर
11.2 लाख करोड़ पर आ गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से अडानी समूह के बारे में गुरुवार को सूचनाएं मांगी हैं। आरबीआई जानना चाहता है कि किन बैंकों ने अडानी कंपनियों में निवेश कर रखा है। सेबी भी कथित तौर पर जांच कर रहा है। सत्य हिन्दी पर अडानी की खबरों का अपडेट जानते रहिए।
देश में प्रचलित नोटों (करंसी) पर अगर कुछ लिखा है तो इस वजह से वो नोट अमान्य मुद्रा नहीं हो जाती। सरकार ने स्पष्ट किया है कि वो इसके बावजूद मान्य मुद्रा रहेगी लेकिन बेहतर है कि नोट पर कुछ नहीं लिखा जाए। दरअसल, एक अफवाह फैलने पर सरकार को यह स्पष्टीकरण जारी करना पड़ाः पूरी जानकारीः
नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2 जनवरी को आने वाला है। इंडियन एक्सप्रेस ने आज 28 दिसंबर को एक रिपोर्ट छापकर बताया है कि सरकार और आरबीआई ने नोटबंदी को लेकर कई तथ्य सुप्रीम कोर्ट से छिपा लिए। जिन तथ्यों के आधार पर नोटबंदी की बात कही गई थी, वास्तविकता से दूर थी। पढ़िए रिपोर्टः
आरबीआई ने जो डिजिटल रुपया जारी किया है उसको लेकर महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी को आख़िर क्यों आपत्ति है? वह क्यों ग़ुस्से में कह रहे हैं कि नोट से भी तसवीर हटा दें?
रिजर्व बैंक ने कहा महंगाई के बुरे दिन बीत गए। लेकिन क्या महंगाई की फिक्र भी खत्म हुई? कंज्यूमर कॉन्फिडेंस में सुधार दिख रहा है, लेकिन क्या इससे माल बिकने लगेगा? आज माइंड योर बिजनेस में इसी पर बात।
अक्टूबर महीने के महंगाई आंकड़े सोमवार को आने वाले हैं लेकिन उससे पहले ही शनिवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने संकेत दिया कि महंगाई का आंकड़ा अक्टूबर में कम हो सकता है। उनका अनुमान है कि यह 7 फीसदी से नीचे रहेगी। उन्होंने और क्या कहाः