भारत-नेपाल पेट्रोलियम पाइपलाइन न केवल नेपाल की अर्थव्यवस्था के लिये गेम चेंजर साबित होगी बल्कि भारत-नेपाल के रिश्तों में भी खेल का पासा पलटने वाली साबित होगी।
परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल न करने को लेकर प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के बयान को ख़ुद उनके ही विदेश मंत्रालय ने खंडन क्यों कर दिया? किसके दबाव में यह सब हुआ?