संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन राज्यसभा में हंगामे को लेकर जाँच कमेटी गठित करने के प्रस्ताव पर विपक्ष ने कहा है कि लगता है कि यह सांसदों को डराकर चुप कराने के लिए है।
राज्यसभा ने भी ओबीसी से जुड़ा संविधान (127वाँ) संशोधन विधेयक पारित कर दिया है। इस विधेयक से अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी आरक्षण में जातियों को शामिल करने का राज्यों को अधिकार मिल जाएगा।
विपक्ष के ज़ोरदार विरोध, ज़बरदस्त हंगामा और भारी शोर-शराबे के बीच एनसीटी विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया। इस विधेयक को लोकसभा की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है।
तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिख कर कहा है कि जब तक पश्चिम बंगाल समेत सभी पाँच राज्यों के चुनाव संपन्न नहीं हो जाते, दिल्ली के लेफ़्टिनेंट गवर्नर और मुख्यमंत्री के अधिकारों से जुड़े बिल पर राज्यसभा में चर्चा नहीं करानी चाहिए।
बिहार विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों की हुई ज़ोरदार पिटाई का मामला नहीं उठाने दिया गया। आरजेडी सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में बिहार विधानसभा में हुई पुलिस कार्रवाई का मामला उठाना चाहा तो राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने इससे मना कर दिया।
संसद के दोनों सदनों में कृषि क़ानून पर ज़ोरदार बहस चल रही है। कांग्रेस सदस्य ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कृषि क़ानूनों का विरोध करते हुए कहा कि अंग्रेजों के जमाने में भी कृषि क़ानूनों को वापस लेना पड़ा था।
इन दिनों राजस्थान और मध्य प्रदेश के कांग्रेसियों में होड़ मची है कि कैसे वे प्रियंका गाँधी को राज्यसभा में भेजें। लेकिन अभी तक उन्होंने पार्टी के लिए कौन-सा ऐसा काम किया है कि वह राज्यसभा की शोभा बढ़ाएँ?