कैबिनेट विस्तार की संभावनाओं के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके डिप्टी रह चुके सचिन पायलट के गुटों के बीच सुलह सफाई के लिए रविवार को होने वाली बैठक टाल दी गई है।
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के लाख विरोध के बाद हाईकमान के नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए भी संदेश गया है।
जितिन के पार्टी छोड़ते ही सोशल मीडिया पर सबसे ज़्यादा जो सवाल पूछा गया वह यह कि राजस्थान कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट भी क्या कुछ ऐसा ही क़दम उठाएंगे?
पायलट ने दौसा, भरतपुर और चाकसू में बड़ी किसान महापंचायतें की हैं और इनमें अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा की मदद के बिना ही भीड़ जुटाकर आलाकमान तक अपने ‘जिंदा’ होने का पैगाम पहुंचाया है।