आईआरसीटीसी ने रेल यात्रियों का डेटा बेचने के आरोपों का खंडन कर दिया है लेकिन इस बात पर मौन है कि फिर उसने टेंडर क्यों जारी किया। आईआरसीटीसी का काम चलाने के लिए प्राइवेट कंपनी को क्यों लाया जा रहा है। बहुत सारे सवालों का जवाब भविष्य में मिलेगा।
एक ऐसी रिपोर्ट है कि सरकार कुछ रूट पर ट्रेन संचालन के लिए निजी कम्पनियों से बोलियाँ मँगवा सकती है। तो क्या अब रेलवे के निजीकरण की तैयारी शुरू हो गई है?