भारत जोड़ो यात्रा आज रविवार को अपनी मंजिल पर पहुंच गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज रविवार दोपहर को लाल चौक पर तिरंगा फहरा दिया। वैसे भारत जोड़ो यात्रा का समापन कल सोमवार को श्रीनगर में होगा, जहां एक बड़ी रैली आयोजित की जा रही है।
क्या सरकार राहुल गाँधी की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है? यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रबंधों में चूक क्या ज़ाहिर करती है? क्या ये चूक राहुल गाँधी को डराने के लिए थी? क्या ऐसा करके उसने बहुत बड़ा जोखिम नहीं लिया? अगर इस दौरान कुछ हो जाता तो उसके लिए कौन ज़िम्मेदार होता?
श्रीनगर पहुंचने से ठीक पहले आज राहुल गांधी की सुरक्षा में ऐसी चूक हुई कि उन्हें गाड़ी से अनंतनाग ले जाना पड़ा. राहुल गांधी ने इसे लेकर नाखुशी भी जताई. क्या यह सिर्फ लापरवाही थी?आज की जनादेश चर्चा.
भारत जोड़ों यात्रा 30 जनवरी को खत्म हो रही है । योगेन्द्र यादव ने पूरी यात्रा चली है । क्या है इस यात्रा का मक़सद ? क्या यात्रा ने राहुल की छवि को बदली है ? क्या ये
यात्रा देश की राजनीति को बदल रही है ? क्यों ये यात्रा ज़रूरी थी ? आशुतोष ने योगेन्द्र से विस्तार से बात की ।
पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्युलर के नेता एच. डी. देवेगौड़ा ने कांग्रेस के वरिष्ठ
नेता राहुल गांधी को उनकी 'भारत जोड़ो यात्रा' के लिए मंगलवार को शुभकामनाएं दी हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया है और राहुल ने इसे हास्यास्पद बयान बताया है. कांग्रेस को क्यों शर्मिंदा कर रहे हैं दिग्विजय सिंह? देखिए बेबाक शाम 4 बजे
दिग्गविजय सिंह ने अपने
बयान से पलटते हुए कहा कि उनका इरादा सेना और देश की सुरक्षा से जुड़े किसी भी
संगठन की गरिमा को ठेस पहुंचाना नहीं था। उन्हें देश की सेना की क्षमता पर पूरा
विश्वास है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । आशंकाओं के बीच राहुल गांधी की यात्रा का हुआ जम्मू में प्रवेश । कश्मीरी पंडितों पर LG से बोले राहुल- आपको माफी मांगनी चाहिए
जम्मू में पिछले दो दिनों में तीन बम धमाके हुए लेकिन उससे डरे बिना भारत जोड़ो यात्रा और राहुल गांधी सोमवार को जम्मू पहुंच गए। जम्मू पहुंचते ही राहुल ने रघुनाथ मंदिर में जाकर पूजा की।
भाजपा इस रणनीति के जरिए
उस तबके तक पहुंचने की कोशिश कर रही है जो लंबे समय तक उससे दूर रहा है। भाजपा की
राजनीति का बड़ा हिस्सा इस तबके के विरोध पर टिका हुआ है। संघ प्रमुख मोहन भागवत औऱ प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने हालिया बयानों में इस तबके तक पहुंचने के प्रयास किए हैं।