गैर भाजपाई दलों को एक सूत्र में पिरोने के लिए कोई मुद्दा चाहिए था, वो उन्हें राहुल गांधी के रूप में मिल गया है। लेकिन यक्ष प्रश्न यह है कि गैर भाजपाई दलों की एकता कब तक कायम रह पाती है। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार शैलेश ने इसी का जायजा लिया है।
विपक्षी एकता में आज एक बड़ी कामयाबी उस समय मिली जब 17 दल कांग्रेस के साथ न सिर्फ बैठे बल्कि काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुए है। हालांकि काले कपड़े का निर्देश कांग्रेस सांसदों को था। लेकिन सबसे बड़ा घटनाक्रम ममता बनर्जी की टीएमसी के शामिल होने का है। अभी तक टीएमसी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो रही थी।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और एमवीए गठबंधन में कांग्रेस के सहयोगी उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी को सावरकर का जिक्र करने पर चेतावनी दी है। उद्धव ने कहा कि सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
लोकसभा और राज्यसभा में फिर से हंगामा हुआ। लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने स्पीकर के आसन पर कागजात फेंके। विपक्षी सांसदों ने राहुल और अडानी के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे। लेकिन दोनों सदनों में चर्चा नहीं होने दी गई। इस पर विपक्षी सांसदों ने जबरदस्त नाराजगी जताई।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज राजघाट पर कांग्रेस सत्याग्रह के दौरान अपने भाषण में राहुल गांधी से भी ज्यादा तीखी भाषा का इस्तेमाल प्रधानमंत्री मोदी के लिए किया। यह एक तरह से बीजेपी को खुली चुनौती है कि कितने केस दर्ज कराएगी। कितने मानहानि के मामले करेगी।
राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य किए जाने के बाद अब उनसे सरकारी घर खाली कराए की आशंका है। उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है। इन्हीं संभावनाओं और आशंकाओं को वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग बारीकी से समझा रहे हैं।
राजनीति में 'इत्तेफाक' कुछ भी नहीं होता। सारा खेल रणनीतिक होता है। राहुल गांधी के साथ जो हो रहा है, वो इत्तेफाक नहीं है। सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। इत्तेफाक से वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा ने इसी का जायजा अपने साप्ताहिक कालम में लिया है। पढ़िए और समझिए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ हुई नाइंसाफी के विरोध में कांग्रेस आज देशभर में सत्याग्रह कर रही है। कांग्रेस का सत्याग्रह अतीत में अंग्रेजों के खिलाफ हुआ है लेकिन पार्टी उस भावना को फिर से जिन्दा कर रही है। यह सत्याग्रह आज सुबह से शाम तक चलेगा। सत्य हिन्दी पर कांग्रेस सत्याग्रह की ताजा खबरों के अपडेट के लिए बने रहें।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल की राजनीति बहुत सीधी है। हम जीतेंगे तो लोकतंत्र ठीक है, हम हारेंगे तो लोकतंत्र खराब है। जो भी हमारे पक्ष में नहीं है वह सब खराब है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज शनिवार को अडानी के मामले में केंद्र सरकार पर फिर हमला बोला। उन्हें लड़ने का संकल्प दोहराया। राहुल ने संसद में और लंदन में कही गई बातों का जवाब दिया।
राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से सजा और अगले ही दिन संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस बड़ी लड़ाई के लिए तैयार हो रही है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने एक बैठक कर रणनीति को अंतिम रूप दिया। पार्टी कानूनी लड़ाई अलग से लड़ती रहेगी।
गुरुवार को सूरत की एक अदालत ने मानहानी के चार साल पुराने एक मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। शुक्रवार की दोपहर को लोकसभा सचिवालय ने राहुल की सदस्यता रद्द करने करने का नोटिस जारी कर दिया।
राहुल गांधी समेत इन तमाम नेताओं को जनप्रतिनिधित्व कानून के नियमों के आधार पर अयोग्य घोसित किया गया है। इस कानून के अनुसार किसी भी सदस्य को दो साल या उससे ज्यादा की जेल की की सजा सुनाई जाती है तो उसे सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता पर फैसला लेते हुए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी। इसके साथ ही राहुल वर्तमान लोकसभा के सदस्य नहीं हैं, वे अगला लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।