योगी प्रशासन द्वारा संभल में सभी राजनीतिक नेताओं के प्रवेश पर मनमाने तरीके से प्रतिबंध लगाना इस बात को दर्शाता है कि सरकार दंगा प्रभावित शहर में क्या छिपाना चाहती है। क्या राहुल गांधी को अकेले जाने की भी अनुमति दी गई थी? यह बुनियादी लोकतांत्रिक मूल्यों पर गंभीर सवाल उठाता है। क्या भाजपा में नागरिक स्वतंत्रता के लिए कोई जगह नहीं है?