मानहानि के मामले में दो साल की जेल की सजा के ख़िलाफ़ अपील को लेकर राहुल गांधी सूरत की अदालत में जाने वाले हैं तो बीजेपी आलोचना क्यों कर रही है? जानिए वजह।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मुद्दे पर जर्मनी का बयान तूल पकड़ रहा है। इस बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान देने पर मामला ज्यादा बढ़ा। बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री आज सारा दिन कांग्रेस पर हमला करते रहे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने पर जर्मनी ने महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया दी है। उसने लोकतांत्रिक सिद्धांतों को याद दिलाया है। जर्मनी की प्रतिक्रिया के बाद बीजेपी को एक और मुद्दा मिल गया है कि राहुल विदेशों से मदद मांग रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज राजघाट पर कांग्रेस सत्याग्रह के दौरान अपने भाषण में राहुल गांधी से भी ज्यादा तीखी भाषा का इस्तेमाल प्रधानमंत्री मोदी के लिए किया। यह एक तरह से बीजेपी को खुली चुनौती है कि कितने केस दर्ज कराएगी। कितने मानहानि के मामले करेगी।
राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य किए जाने के बाद अब उनसे सरकारी घर खाली कराए की आशंका है। उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है। इन्हीं संभावनाओं और आशंकाओं को वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग बारीकी से समझा रहे हैं।
राजनीति में 'इत्तेफाक' कुछ भी नहीं होता। सारा खेल रणनीतिक होता है। राहुल गांधी के साथ जो हो रहा है, वो इत्तेफाक नहीं है। सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। इत्तेफाक से वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा ने इसी का जायजा अपने साप्ताहिक कालम में लिया है। पढ़िए और समझिए।
कांग्रेस और राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है। जानिए लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी को उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की सजा मिलने के बाद क्या कहा है।
मानहानि मामले में दोषी ठहराए गए राहुल गांधी आज लोकसभा पहुँचे, उनके बोलने देने की मांग उठी और फिर हंगामे के बीच ही सदन स्थगित कर दिया गया। जानिए कैसे चला घटनाक्रम।