पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी के भैया वाले बयान पर राजनीति गर्म हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी तक ने मुद्दा लपक लिया है। तो दूसरी ओर कॉंग्रेस के नेता सफाई देने में जुटे हैं कि उनका निशाना असली भैया लोग नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी थी। खुद मुख्यमंत्री चन्नी को भी सफाई देनी पड़ी है। सवाल है कि क्या चन्नी की जुबान फिसल गई थी? वो अपनी बात ठीक से समझा नहीं पाए थे? या फिर बयान और बाद में सफाई की स्क्रिप्ट भी पहले से तैयार थी?