सरकारी संस्था प्रसार भारती ने कहा है कि पीटीआई राष्ट्र-विरोधी है। वह चीन पर रिपोर्टिंग से नाराज़। पीटीआई को राष्ट्र विरोधी करार देने और धमकाने के पीछे सरकार का क्या मक़सद है?
अब पीटीआई पर देशद्रोह का आरोप ? प्रसार भारती की पीटीआई को धमकी, क्या यह अघोषित आपातकाल नहीं? वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त, हरजिंदर और इंदुकांत दीक्षित से चर्चा।
पीटीआई को राष्ट्र विरोधी करार देने और धमकाने के पीछे सरकार का क्या मक़सद है? क्या वह उसे सरकार के घोषित-अघोषित एजेंडे के हिसाब से चलाना चाहती है और अगर ऐसा है तो उसकी योजना क्या है? कहीं वह पीटीआई को ख़त्म करने का मन तो नहीं बना रही पेश है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण।