नागरिकता क़ानून के विरोध और प्रदर्शन करने वाले छात्रों के समर्थन का अभिनेता और 'सावधान इंडिया' के होस्ट रहे सुशांत सिंह के बाद अब परिणीति चोपड़ा को भी नुक़सान उठाना पड़ा है।
नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन को लेकर भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद को शनिवार को गिरफ़्तार कर लिया गया। वह शुक्रवार को पुलिस से बच निकले थे।
नागरिकता क़ानून पर विरोध-प्रदर्शन ने जो देशव्यापी रूप ले लिया है उसका क्या संकेत है? क्या लोगों का ग़ुस्से को सरकार झेल पाएगी? विपक्ष सक्रिय होता दिख रहा है, इसका क्या असर होगा? देखिए आशुतोष की बात।
सभी विपक्षी पार्टियाँ एकाएक सक्रिय क्यों हो गईं? क्या नागरिकता क़ानून का प्रदर्शन करने वाले लोगों का दमन नहीं किया जाता तो ये दल इतने मुखर होते? क्या अब विपक्ष की एकता होगी और ऐसा हुआ तो बीजेपी का क्या हाल होगा? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
नागरिकता संशोधन क़ानून को लागू करने से विरोध विपक्षी दलों की राज्य सरकारें इनकार कर रही हैं। ऐसे में क्या मोदी सरकार उन राज्य सरकारों को भंग कर देगी? क्या वह इतना बड़ा क़दम उठाकर इस क़ानून को लागू करा पाएगी? देखिए आशुतोष की बात।
क्या नागरिकता क़ानून से हिंदू राष्ट्र बन जाएगा? बीजेपी तीन तलाक़, अनुच्छेद 370, अयोध्या मामला, एनआरसी और नागरिकता क़ानून जैसे मुद्दे को ज़ोर-शोर से क्यों उठाती रही है? क्या ये सभी मुद्दे सत्ताधारी बीजेपी के हिंदू एजेंडे का हिस्सा नहीं हैं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
नागरिकता क़ानून का विरोध कर रहे जामिया मिल्लिया इसलामिया के छात्रों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के ख़िलाफ़ पंजाब के कई विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में प्रदर्शन किए गए।
क्या नागरिकता क़ानून का विरोध करना गुनाह है? ये सवाल इसलिए कि टीवी शो 'सावधान इंडिया' के होस्ट सुशांत सिंह को नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में शामिल होने के बाद शो से हटना पड़ा है।
नागरिकता क़ानून पर विरोधियों का ग़ुस्सा तो समझ में आता है, लेकिन मोदी समर्थक ही क्यों सवाल उठाने लगे हैं? क्या लगातार प्रदर्शन से समर्थक भी हिल गए हैं? अब सरकार के सामने क्या है विकल्प? देखिए आशुतोष की बात।
बीजेपी तीन तलाक़, अनुच्छेद 370, अयोध्या मामला, एनआरसी और नागरिकता क़ानून जैसे मुद्दे को ज़ोर-शोर से क्यों उठाती रही है? क्या ये सभी सत्ताधारी बीजेपी के हिंदू एजेंडे का हिस्सा नहीं हैं?
'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने नरेंद्र मोदी सरकार के हाल के फ़ैसलों का ज़िक्र करते हुए 'प्रदर्शन बढ़ रहे हैं तो क्या हिंदू राष्ट्र बनने के क़रीब पहुँच रहा भारत?' शीर्षक से ख़बर प्रकाशित की है।
नागरिकता क़ानून के विरोध में रविवार को हुई हिंसा करने के आरोप में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ़्तार किया है, लेकिन इसमें से कोई भी जामिया मिल्लिया इसलामिया का छात्र नहीं है।
नागरिकता संशोधन क़ानून की आँच उत्तर प्रदेश में भी पहुँच गई है। अलीगढ़ और लखनऊ में जहाँ बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुए हैं वहीं प्रदेश के दर्जन भर ज़िलों में लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
राष्ट्रपति की मुहर लगते ही नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 अब क़ानून बन चुका हैI लेकिन ग़ैर-बीजेपी शासित राज्य सरकारें विरोध कर रही हैं तो केंद्र सरकार इसे कैसे लागू करा पाएगी?