पैगंबर साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में कार्रवाई के लिए क्या भारी दबाव में बीजेपी सरकार ने अपने एक नेता को गिरफ़्तार किया है? यदि ऐसा नहीं है तो कानपुर हिंसा के 4 दिन बाद यह गिरफ़्तारी क्यों?
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। पैगंबर मुहम्मद पर विवादित टिप्पणी पर UN की प्रतिक्रिया । संघ के दफ्तरों को बम से उड़ाने की धमकी, लखनऊ में FIR ।
बीजेपी नेता नूपुर शर्मा और नवीन जिन्दल की टिप्पणी से पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं और पैनलिस्टों के लिए कोई गाइडलाइन बनाई है। लेकिन इस गाइडलाइन को वो आधिकारिक रूप से नहीं बता रही है। मीडिया को सूत्रों के जरिए जानकारी दी गई है।
संयुक्त राष्ट्र ने अप्रत्यक्ष तौर पर भारत को संदेश दिया है कि सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए। यूएन इसी बात को बढ़ावा देता है। पैगंबर के खिलाफ बीजेपी नेताओं की टिप्पणी से पैदा हुए विवाद के संदर्भ में यूएन की यह प्रतिक्रिया आई है।
अपनी टिप्पणी को लेकर आने वाले दिनों में नूपुर शर्मा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणियों के कारण बीजेपी और केंद्र सरकार भी घिर गई है।
पैगंबर मोहम्मद साहब पर बीजेपी नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी पर केंद्र क्यों घिरा है? क्या बीजेपी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार खाड़ी देशों की नाराज़गी को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती? आख़िर क्यों?
बीजेपी नेता नूपुर शर्मा ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है कि उनकी जान को खतरा है। इसी बीच बीएसपी प्रमुख मायावती और ओवैसी ने नूपुर की गिरफ्तारी की मांग की है।
कई मुस्लिम देशों में भारतीय सामानों का बहिष्कार शुरू हो गया है। कुवैत के सुपर मार्केट में तमाम भारतीय उत्पादों को हटा दिया गया। ये देश भारतीय सामानों के बहुत बड़े आयातक भी हैं।
भारत ने इस्लामिक देशों के समूह संगठन ओआईसी की प्रतिक्रिया को सोमवार को खारिज कर दिया। पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर सऊदी अरब और अन्य मुस्लिम देश पहले ही कड़ी प्रतिक्रिया दे चुके हैं और उन्होंने भारत से माफी की मांग की है।
नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल पर यह कार्रवाई बीजेपी ने उनके बयान और ट्वीट आने के तुरंत बाद क्यों नहीं की? क्या बीजेपी को यह कार्रवाई प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब होने के डर से करनी पड़ी?