यूपी काँग्रेस के अध्यक्ष की इस घोषणा में कितना दम है कि राहुल गाँधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे? अगर ऐसा होता है तो पूरे उत्तरप्रदेश की चुनावी राजनीति पर क्या असर होगा? और अगर प्रियंका गाँधी भी बनारस से चुनावी मैदान में उतर जाएं तो बीजेपी गणित कितना गड़बड़ाएगा? क्या राहुल-प्रियंका के लड़ने से अखिलेश यादव की परेशानियाँ भी बढ़ जाएंगी?