लोकसभा चुनावों में ख़राब प्रदर्शन के बाद सदमे से अखिलेश नहीं उबरे हैं, मायावती घर पर बैठकें कर रही हैं, लेकिन प्रियंका बीजेपी की तरह संगठन खड़ा करने में जुट गई हैं। क्या वह योगी को चुनौती दे पाएँगी?
कांग्रेस लोकसभा चुनाव में मिली क़रारी हार की समीक्षा करने में जुटी हुई है। प्रियंका गाँधी ने कार्यकर्ताओं से 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी करने के लिए कहा है।
लोकसभा चुनावों में बुरी तरह पस्त होने के बाद भी प्रियंका ने हार नहीं मानी है। चुनाव नतीजे सामने आने के तीन दिनों के भीतर ही टीम प्रियंका के सदस्यों को काम पर लगा दिया गया है।
पहले तो कांग्रेस ने बनारस में मोदी के लिए खुला मैदान छोड़ा, लेकिन अब अब अजय राय के प्रचार में प्रियंका बनारस आ रही हैं। बनारस में प्रियंका का लंबा रोड शो होगा। इस रोड शो को यादगार बनाने की तैयारी हो रही है।
कांग्रेस के रणनीतिकार मान कर चल रहे हैं कि अमेठी और रायबरेली दोनों ही संसदीय क्षेत्रों में पार्टी जीत जायेगी। सपा-बसपा और आम आदमी पार्टी का प्रत्याशी न होने का फायदा भी उन्हें मिलेगा।
बताया जा रहा है कि प्रियंका गाधी इस बात से डरी हुई हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी इस बार अमेठी में बुरी तरह फँसे हुए हैं और चुनाव हार भी सकते हैं।
कांग्रेस ने प्रियंका को वाराणसी में क्यों नहीं उतारा मोदी के ख़िलाफ़? क्या नरेंद्र मोदी से डर गईं प्रियंका गाँधी? देखिए क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार शैलेश।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की डूबती नाव को बचाने मैदान में उतरी प्रियंका गाँधी कम से कम बनारस में मोदी से दो-दो हाथ नहीं करेंगी। अगले दो-तीन दिनों में पार्टी इसका एलान भी कर देगी। तो क्या कांग्रेस डर गई?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का रण निपटने के बाद अब बाक़ी उत्तर प्रदेश में मज़बूत कंधे तलाश रही कांग्रेस की तैयारी बड़ी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की है। कुछ बड़े पिछड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कराने की योजना है।