मोहम्मद जुबैर के मामले में जर्मनी ने कहा है कि वो इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहा है। जर्मनी ने यह भी साफ कर दिया है कि वो लिखने-बोलने वाले पत्रकारों की गिरफ्तारी के खिलाफ है। जानिए पूरी बात।
देश में नफ़रत फैलाने में मीडिया कितना ज़िम्मेदार है? क्या मीडिया इस रूप में इसलिए है कि इन मीडिया हाउसों के मालिक उद्योगपति हैं और उद्योगपतियों की सत्ता से काफ़ी नज़दीकी होती है?
तमाम राज्यों में पत्रकारों के खिलाफ पुलिस की गुंडागर्दी बढ़ती जा रही है। नकल माफिया के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकारों को जेल भेज दिया गया और अब मध्य प्रदेश में पुलिस की गुंडागर्दी सारी सीमाओं को पार कर गई जब सीधी पुलिस थाने में पत्रकारों को नंगा खड़ा कर दिया गया।
‘कुख्यात’ नेताओं की सूची में मोदी? मंत्रिमंडल में फ़ेरबदल से पहले कई राज्यपालों की नियुक्तियाँ और तबादले । स्टैन स्वामी की मौत को यूएन ने भयानक बताया और अक्षम्य करार दिया। दिनभर की बड़ी ख़बरों का विश्लेषण-
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। प्रेस की स्वतंत्रता को रौंदने वाले नेताओं में मोदी का नाम । प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 180 देशों में भारत 142वें स्थान पहुंचा
'रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स' ने 37 ऐसे शासनाध्यक्षों व राष्ट्राध्यक्षों की सूची बनाई है, जिनके बारे में उसका मानना है कि वे 'मीडिया की आज़ादी पर हमलावर' ('प्रीडेटर ऑफ़ प्रेस फ्रीडम') हैं। इस सूची में नरेंद्र मोदी भी हैं।
इस समय मुख्य धारा का अधिकांश मीडिया, जिसमें कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक दोनों शामिल हैं, बिना किसी घोषित-अघोषित सरकारी अथवा अदालती हुक़्म के ही अपनी पूरी क्षमता के साथ सत्ता के चरणों में बिछा हुआ है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। World Press Freedom Index 2021 में 180 देशों में से भारत को एक बार फिर से 142वें स्थान पर रखा गया। यूपी के 5 शहरों में लॉकडाउन नहीं, SC ने रोका HC का फैसला
क्या अवमानना मामलों को अपराध की श्रेणी से बाहर करेगी सरकार? क्या विश्व स्तर पर बदनामी के बाद छवि सुधारने की कोशिश कर रही मोदी सरकार? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट।
देश भर में पत्रकारों पर हमले बढ़ रहे हैं। कुछ मामलों में अदालत दखल दे देती है पर बहुत से मामलों में राहत भी नहीं मिलती। अब छापा भी पड़ रहा ईडी का। क्या यह पत्रकारों को डराने का प्रयास है? आज की जनादेश चर्चा इसी पर।
प्रेस स्वतंत्रता दिवस गुज़र गया। भारत के सूचना विभाग के मंत्री ने इस मौक़े पर दिए गए रस्मी बयान में दावा किया कि भारत में प्रेस को पूरी आज़ादी है। इस बयान को किसी ने नोटिस लेने लायक़ नहीं समझा। क्यों?
पूर्व टीवी संपादक और फ़िल्मकार विनोद कापड़ी ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया को पत्र लिख कर टीवी9 समूह के पूर्व संपादक और सीईओ रवि प्रकाश की जान को ख़तरा का अंदेशा जताया है।