हिन्दुस्तान में तालिबान के समर्थन या विरोध की बहस बड़ा सियासी मुद्दा बन चुकी है। देशभक्ति और गद्दार की परिभाषाएं इस बहस के दौरान टेलीविजन चैनलों पर गढ़ी जा रही हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुली प्रशंसा वाराणसी में आकर कर गये हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। मगर, इससे योगी का यूपी चुनाव में चेहरा बनना तय नहीं हो जाता।
बीजेपी ने क्या उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में 825 सीटों में से 600 से ज़्यादा सीटें जीतकर बड़ी जीत हासिल नहीं की है? विपक्ष की क्या रही कमजोरी?
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक समेत देश के कई हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी से मौत की घटनाएँ अप्रैल-मई में हुईं और पूरी दुनिया इस पर चिंतित हुई। ऑक्सीजन ऑडिट सब कमेटी की लीक हुई कथित अंतरिम रिपोर्ट पप विवाद क्यों?
अगर सिर्फ बची हुई रकम का इस्तेमाल मोदी सरकार कर लेती है तो मुआवजे की जरूरत वाली रकम तकरीबन पूरी हो जाती है। जो रकम खर्च नहीं कर पा रही हो, उसका सदुपयोग अगर मुआवजे में होता है तो इसमें संकोच क्यों?
गौतम अडानी के पास अवसर था कि वह मुकेश अंबानी को पीछे छोड़कर एशिया के सबसे बड़े रईस बन जाते। लेकिन, हुआ यह कि वे झोंग शानशान से भी पीछे होकर तीसरे नंबर पर पहुँच गये।
बीजेपी के हिसाब से दिग्विजय सिंह को कहना चाहिए था कि तुम पाकिस्तानी पत्रकार हो, हमारे मामले से तुम्हें क्या मतलब? हुक्मरान अक्सर राष्ट्रवादी आवरण में सवालों से बचते हैं।
एक टांग से बंगाल जीतने के बाद दोनों टांग से दिल्ली फतह करने के मंसूबे को अंजाम देने की तैयारी में जुट चुकी हैं ममता। मुकुल राय की टीएमसी में वापसी किसी कद्दावर नेता की ‘घर वापसी’ भर नहीं है।
आख़िर वैक्सीन उत्पादन का महाबली कोरोना से लड़ाई के दंगल में क्यों फिसड्डी साबित हुआ? मोदी सरकार ने कम से कम 10 ऐसी गंभीर भूलें की हैं जिसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ा है।
उत्तर प्रदेश में अप्रैल-मई में 46 दिन के भीतर 8,735 लोगों की जानें गई हैं। इनमें 1621 शिक्षक हैं। इसका मतलब यह है कि उत्तर प्रदेश में बीते डेढ़ महीने में कोरोना से मरने वाला हर पाँचवाँ-छठा व्यक्ति कोई न कोई शिक्षक है। ऐसा क्यों?