मोरबी में झूला पुल टूटा। मौत की लगातार बढ़ती संख्या डेढ़ सौ के आसपास पहुंच चुकी है। आम तौर पर ऐसे वाकये को हादसा कहते हैं। मगर, भ्रष्टाचार की खुलती परतें बता रही हैं कि पुल जिस मच्छरमार कंपनी के हवाले किया गया था, उसने इंसान को मच्छर ही समझा। निश्चित रूप से यह हादसा नहीं, हत्या है। और, जब डेढ़ सौ लोगों की एक साथ हत्या हो तो वो नरसंहार है।