पीके ने कॉंग्रेस में शामिल होने का प्रस्ताव ठुकराया। कहा पार्टी को मेरी नहीं नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की ज़रूरत है। कैसी आज़ादी चाहते थे पीके? क्यों नहीं थामा उन्होंने कॉंग्रेस का हाथ? पीके का तो जो होगा होगा मगर अब कॉंग्रेस का क्या होगा? आलोक जोशी के साथ विनोद अग्निहोत्री, यूसुफ अंसारी, नवीन जोशी और अ कु श्रीवास्तव