प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को जेडीयू से निकाल दिया गया। लेकिन क्या यह सिर्फ़ नीतीश कुमार के साथ ट्विटर वार का नतीजा है? या यह नागरिकता क़ानून के कारण अलगाव हुआ? पहले क्यों सबकुछ ठीक था, लेकिन नागरिकता क़ानून पर प्रशांत किशोर की अलग राय रखने के बाद सबकुछ खटपट हो गया था? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
जनता दल यूनाइटेड ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और वरिष्ठ नेता पवन वर्मा को भुगतना पड़ा है। जेडी (यू) ने दोनों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।