क्या बीजेपी द्वारा मतुआ को लुभाने की कोशिश कामयाब होगी? क्या सीएए का दाँव फ़ायदा दिलाएगा क्या ममता ने सीएए की धार ख़त्म कर दी है? वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
पश्चिम बंगाल के क़रीब तीस फ़ीसदी मुस्लिम मतदाता इस बार किसका साथ देंगे? क्या तृणमूल काँग्रेस पर उनका भरोसा बरक़रार है? क्या उनके वोट बँटने से बीजेपी को लाभ हो सकता है? वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर मणि की रिपोर्टृ
बीजेपी ने महुआ मोईत्रा के ख़िलाफ़ राज परिवार की अमृता रॉय को उतारकर कृष्णनगर मुक़ाबले को दिलचस्प बना दिया है। ये सीट मोदी और ममता दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है। वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
पश्चिम बंगाल में पहले चरण की तीन सीटों पर क्या स्थिति है? क्या बीजेपी इन तीनों सीटों पर अपना कब्ज़ा बरक़रार रख पाएगी? जानकार क्यों कह रहे हैं कि टीएमसी तीन में से दो सीटें छीन सकती है? कोलकाता से वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट
मणिपुर में मोदी और मोदी सरकार से नाराज़गी क्या रंग लाएगी? क्या बीजेपी और उसके सहयोगी दल मणिपुर की दोनों सीटें हारने जा रहे हैं? वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
बशीरहाट सीट पर संदेशखाली की बदनामी के साया मँडरा रहा है। ऐसे में ममता बैनर्जी के लिए ये सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है। क्या वे बीजेपी की चुनौती को ध्वस्त कर पाएंगी? वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
क्या बीजेपी इस बार उत्तर बंगाल में अपना प्रदर्शन दोहरा पाएगी? क्या वह फिर से आठ में से सात सीटें जीत सकेगी? ममता बैनर्जी उसके किले को भेदने के लिए क्या कर रही हैं? वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हिंसा का इतिहास बहुत पुराना नहीं है। अभी तक यहां के लोग दुर्गा पूजा पर होने वाली राजनीति से वाकिफ थे लेकिन 2014 के बाद से जिस तरह रामनवमी जुलूसों में तलवार और अन्य हथियार लहराए जाने लगे, उसने बंगाल की पूरी राजनीति को प्रभावित कर दिया है।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। राज्य में मुख्यमंत्री बदलने के समय से ही वहां बीजेपी पहले से ही चुनावी मोड में चुकी है। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी के लिए त्रिपुरा की जीत इतनी आसान नहीं लग रही है।
राजनीति के दो धुर विरोधी दल बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच क्या अब रिश्ते बदल रहे हैं? क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के बीच कड़वाहट कम हो रही है? जानिए आख़िर पश्चिम बंगाल में चल क्या रहा है।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी सरकार की राज्यपाल से पहले लगातार तनातनी बनी रही है तो क्या नये राज्यपाल की नियुक्ति के साथ वह तनातनी ख़त्म होगी? क्या सीएम और राज्यपाल के बीच संबंध सुधरेंगे?
पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार के मंत्री के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर टिप्पणी के लिए ममता बनर्जी ने क्यों माफी मांगी? और बीजेपी ने आख़िर इतना बवाल क्यों किया? जानिए क्या है वजह।
अलग गारो राज्य की मांग क्यों हो रही है? क्या इसलिए कि राज्य की सत्ता में रहने वाले राजनीतिक दल गारो इलाक़े की उपेक्षा करते रहे हैं? क्या चुनाव से पहले यह मांग फिर से जोर पकड़ेगा?
कोलकाता में लाइव शो के दौरान ही केके की तबीयत बिगड़ने और फिर बाद में मौत होने के मामले में क्यों सवाल उठ रहे हैं? क्यों कार्यक्रम के इंतज़ाम संदेह के घेरे में है?