प्रदूषण क्या सिर्फ़ दिल्ली में है और क्या इस ख़राब हवा से एक साल में ही 17 लाख लोग दिल्ली में ही मर जाते हैं? यदि ऐसा नहीं है तो फिर प्रदूषण के लिए सिर्फ़ दिल्ली का ही नाम क्यों आता है?
बेहिसाब पटाखे जलाएँ या फिर जानलेवा ख़राब हवा के डर से सावधानियाँ बरतें? ये सवाल इसलिए क्योंकि पटाखे जलाने के बाद हवा बेहद ख़राब हुई है और ख़राब हवा से मौतें होती हैं।
दिल्ली और आसपास के शहरों में खराब हुई हवा और प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई। दिल्ली और गुड़गांव में मंगलवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 342 दर्ज किया गया।
दिल्ली में जहरीली हवा के कारण बंद किए गए स्कूल और कॉलेज फिर से खोलने की घोषणा कर दी गई है तो क्या प्रदूषण ख़त्म हो गया? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा और दिल्ली सरकार ने क्या कहा।
दिल्ली में फैले प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने पूछा है कि आखिर अफ़सर क्या कर रहे हैं वे खेतों में जाकर किसानों, वैज्ञानिकों से बात क्यों नहीं करते।
दिल्ली में प्रदूषण के लिए पराली जलाना क्या प्रमुख कारण नहीं है? आख़िर केंद्र सरकार ने क्यों कहा कि 4% ही प्रदूषण के लिए पराली ज़िम्मेदार? क्या केंद्र का यह दावा चुनाव के मद्देनज़र है जिससे किसान नाराज़ न हों?