चुनाव नतीजे आने के बाद से ही राजनीतिक अस्थिरता का शिकार रहे महाराष्ट्र में सरकार कैसे बनेगी? क्योंकि राष्ट्रपति शासन के दौरान विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
चुनाव नतीजे आने के बाद राजनीतिक अस्थिरता का शिकार रहे महाराष्ट्र में मंगलवार को कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने संकेत दिए कि वे राज्य में मिलकर सरकार बना सकते हैं।
महाराष्ट्र में कौन सरकार बनाएगा, इसे लेकर सस्पेंस बरक़रार है। एनसीपी के पास मंगलवार रात 8.30 बजे तक का वक़्त है और वह कांग्रेस के फ़ैसले के इंतजार में है।
मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए बीजेपी से अपना 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ने वाली शिवसेना जिनके भरोसे सरकार बनाने का सपना देख रही थी, उन्होंने ही उसका सपना चकनाचूर कर दिया है।
राज्यपाल से मुलाक़ात के बाद आदित्य ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि उन्होंने राज्यपाल से 2 दिन का समय माँगा था लेकिन राज्यपाल ने समय देने से इनकार कर दिया।
शिवसेना को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी की कितनी चाहत है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके लिए उसने बीजेपी के साथ तीन दशक पुरानी अपनी दोस्ती को तोड़ दिया।