यूपी विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव योगी के लिए भारी पड़ सकते हैं? अगर इस बार भी बीजेपी का प्रदर्शन ख़राब रहा तो उनको हटाने की मुहिम तेज़ हो जाएगी? राहुल अखिलेश की जोड़ी को भी साबित करना होगा कि लोकसभा चुनाव में मिली असाधारण सफलता तुक्का नहीं थी?
संघ के तेवर बदले हुए है. भागवत गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में प्रवास कर रहें है वे योगी आदित्यनाथ के अतिथि हैं. योगी और शाह का सम्बंध जगजाहिर है. दूसरी तरफ संघ के दिग्गज प्रचारक इंद्रेश कुमार ने बिना नाम लिए नेता के अहंकार का मुद्दा उठाया. सभी जानते हैं निशाने पर मोदी हैं. संघ की रणनीति क्या है?आज की जनादेश चर्चा.
आख़िर संघ एकदम से मोदी पर ही क्यों टूट पड़ा है? उसे दूसरे बीजेपी नेताओं का अहंकार क्यों नहीं दिख रहा? वह अभी तक क्यों चुप रहा था? क्या संघ मोदी के लिए कोई बिसात बिछा रहा है?
संघ प्रमुख भागवत ने मोदी पर तीखे हमले क्यों किए? उन्हें परोक्ष रूप से अहंकारी, झूठा और समाज को बाँटने वाला क्यों बताया? आख़िर क्या है उनका सीक्रेट प्लान?
मोदी मंत्रिमंडल का गठन । लेकिन आरएसएस नाराज । संघ प्रमुख का हमला, सेवक कभी अहंकारी नहीं होता । जो अहंकारी है वो सेवक नहीं होता । ऐसे में कैसे चलेगी मोदी सरकार ? कैसे पूरे होंगे पाँच साल ? आशुतोष के साथ विनोद अग्निहोत्री, विजय त्रिवेदी, कार्तिकेय बत्रा, अफ़रीदा रहमान और यशोवर्धन आजाद
प्रधानमंत्री मोदी ने ेलोकसभा चुनाव के दौरान काफी विवादित और साम्प्रदायिक भाषण दिए थे। उन्होंने महाराष्ट्र के वयोवृद्ध नेता शरद पवार को चुनावी रैली में भटकती आत्मा कहा था। लेकिन जब महाराष्ट्र और देश के अन्य राज्यों से लोकसभा के नतीजे आए तो मोदी और भाजपा के पैरों तले जमीन खिसक गई। भाजपा अपने दम पर सरकार नहीं बना सकी। शरद पवार अब मोदी को उनके पुराने बयान याद दिलाकर चुटकी ले रहे हैं।
यूपी में विधानसभा की नौ सीट खाली हुई हैं लोकसभा चुनाव की वज़ह से. कई विधानसभा सदस्य चुनाव लड़े और जीते हैं. अब इनका चुनाव होगा. क्या होगा यहां? आज की जनादेश चर्चा.
चुनाव खत्म हो गया । नतीजे आ गये । मंत्रिमंडल का गठन हो गया । अब बड़ा सवाल कब तक चलेगी सरकार ? कब तक साथ रहेंगे नीतीश नायडू ? क्या मोदी बदलेंगे ? मुस्लिम समाज में क्या हो रहा है बदलाव ? इस सवालों की पड़ताल की आशुतोष ने दिल्ली के पूर्व उप-राज्यपाल नजीब जंग से जिन्होंने आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी हिंदू मुस्लिम के सवाल पर ।
Satya Hindi news Bulletin | नीतीश कुमार ने छुए नरेंद्र मोदी के पैर | इंडिया गठबंधन नीतीश, नायडू के संपर्क में? जानिए, ममता, उद्धव ने किसको जिम्मा सौंपा
Bihar Chief Minister Nitish Kumar did surprise all and sundry when he went down to touch Prime Minister Narendra Modi’s feet at the NDA meet.
But is this to be taken on face value ? Or is Mr ‘Palturam’ laying his own trap for Modi?
Political observers feel Nitish has already played his Googly simultaneously .Just wait and watch !
मोदी की गठबंधन सरकार बनना निश्चित है लेकिन क्या नीतीश और नायडू पर किया जा सकता है भरोसा? क्यों योगी पर बनेगा दबाव कि वो यूपी में भारी हार की ले ज़िम्मेदारी ? क्या वो फडनवीस की तरह देंगे इस्तीफ़ा? और क्या मोदी चला पायेंगे गठबंधन की सरकार ? आशुतोष ने की वरिष्ट पत्रकार भूपेन्द्र चौबे से बात।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। यहीं पर सभी राजनीतिक विश्लेषकों की नजर है। उन्हीं में से एक योगेंद्र यादव का कहना है कि यूपी में बाजपा 40 सीटों तक भी सिमट सकती है। अगर ऐसा हुआ तो न सिर्फ भाजपा के लिए बहुत बड़ा झटका होगा, बल्कि उसके एनडीए गठबंधन पर भी असर पड़ेगा। योगेंद्र यादव ऐसा क्यों कह रहे हैं, जानिएः
प्रधानमंत्री मोदी की फिसलती जुबान खुद एक मुजरे का पर्याय बनकर रह गई है, जिसका प्रदर्शन वो बार-बार इस महान लोकतांत्रिक देश के सामने कर रहे हैं। मोदी ने अपने लिए इतिहास के जिन पन्नों का निर्माण किया है, उसके रचयिता वो खुद हैं। मोदी के मुजरे को टीवी मीडिया के चंद चापलूस इतिहास से गायब नहीं कर पाएंगे। स्तंभकार वंदिता मिश्रा की टिप्पणी इसी मुद्दे परः
बीजेपी लोकसभा चुनाव जीतने के लिए जिस तरह से अल्पसंख्यक, ख़ासतौर पर मुस्लिम विरोधी अभियान चला रही है उसने संवैधानिक मूल्यों और स्वतंत्रता संग्राम के संकल्पों पर धूल डाल दी है। ज़्यादा अफ़सोस की बात ये है कि यह अभियान सीधे प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति के नेतृत्व में चल रहा है और पूरी दुनिया इसे नोटिस कर रही है। वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव की टिप्पणीः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतने निम्न स्तरीय बयान क्यों दे रहे हैं? क्या उन्हें इंडिया का उभार डराने लगा है? उनके बयानों से बीजेपी को फ़ायदा होगा या नुक़सान?