प्रधानमंत्री मोदी आज गुरुवार सुबह तीन देशों के दौरे से लौटे और आते ही इशारों में विपक्ष पर हमला बोल दिया है। विपक्ष इस समय एकजुट है और उसने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है।
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार के सिलसिले में 19 दलों का संयुक्त बयान सामने आया है लेकिन कुछ विपक्षी दल अभी भी नादारद हैं, जबकि वो बाकायदा विपक्ष का हिस्सा हैं। ऐसे में ताजा विपक्षी एकजुटता को कितना मजबूत माना जाए।
नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को पीएम मोदी और लोकसभा स्पीकर करेंगे लेकिन देश के 19 राजनीतिक दलों ने इसके बहिष्कार की घोषणा कर दी है। लेकिन इसी के साथ यह जानना जरूरी है कि नया संसद भवन और इसके पीछे और क्या विवाद रहे। क्या वाकई नए संसद भवन की जरूरत है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भाजपा-आरएसएस दलितों और आदिवासियों को सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं।
नया संसद भवन बनकर तैयार है। भारतीय संविधान के मुताबिक भारत का राष्ट्र प्रमुख राष्ट्रपति है लेकिन पीएम मोदी 28 मई को सावरकर के जन्मदिन पर इसका उद्घाटन करेंगे। इसीलिए आज राहुल गांधी ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराया जाए।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी न्यूज़ बुलेटिन। कर्नाटक: सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने ली शपथ। 2000 रु. के नोट बंद पर भिड़े केजरीवाल और धर्मेंद्र प्रधान
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत ने 2024 के आम चुनाव का भी रास्ता दिखाया है। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव का विश्लेषण है कि कर्नाटक की जीत कांग्रेस के लिए एक महामंत्र का काम करेगी।
पीएम मोदी के कर्नाटक में दिए गए भाषण को लेकर उनके वैज्ञानिक और धर्मनिरपेक्ष नजरिए पर बहस हो रही है। वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा ने भी इसका जायजा लिया है।
चुनाव कर्नाटक में हो रहे हैं। पीएम मोदी वहां जय बजरंग बली बोल रहे हैं लेकिन उसकी प्रतिक्रिया आरएसएस से जुड़ा संगठन बजरंग दल दूसरे राज्यों में दे रहा है। कई राज्यों में बजरंग दल ने जहां प्रदर्शन किए, वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दफ्तर पर हमला कर दिया।
कर्नाटक में कांग्रेस को बहुत मजबूत स्थिति में बताया गया है। कई सर्वे में उसकी सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है। लेकिन अगर कहीं कांग्रेस कर्नाटक में चुनाव हार गई तो क्या होगा, इसी सवाल की गहराई में जाने की कोशिश की है राजनीतिक विश्लेषक विनोद अग्निहोत्री नेः
कर्नाटक में जिस तरह धार्मिक ध्रुवीकरण कराकर चुनाव का रुख मोड़ा गया है, उससे चुनाव आयोग की गाइडलाइंस और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ गई हैं। इसके बावजूद दोनों संवैधानिक संस्थाएं चुप हैं। जानिए पूरी कहानीः
दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बताई जा रही भारतीय जनता पार्टी का कोई शीर्ष नेता क्या चुप रहकर भी संवाद कर सकता है। यह नामुमकिन है। भाजपा में नाम का राष्ट्रीय अध्यक्ष है। पार्टी की पहचान मोदी और अमित शाह से ही है। ऐसे में नंबर 1 नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री चुप रहकर कैसे संवाद कर सकते हैं। वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा के मन की बात सिर्फ सत्य हिन्दी परः
कर्नाटक चुनाव अपने चरम पर है। प्रधानमंत्री मोदी की रैलियां शुरू हो चुकी हैं। सारे देश में कर्नाटक चुनाव की चर्चा आखिर क्यों है, बीजेपी-आरएसएस के लिए कर्नाटक क्यों इतना महत्वपूर्ण है, पत्रकार अनिल सिन्हा के नजरिए से जानिए कर्नाटक चुनाव 2023 के हालातः