केंद्र सरकार ने ईडी के चर्चित मुखिया संजय मिश्रा का फिर सेवा विस्तार सुप्रीम कोर्ट में देशहित में मांगा था. 45 दिन की मोहलत उन्हें दी गई है. क्या इस समय का इस्तेमाल सरकार विपक्षी मोर्चे के नेताओं को डराने धमकाने और जेल भेजने के लिए करेगी?आज की जनादेश चर्चा.
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। गहलोत vs पीएमओ: राजस्थान पहुंचकर पीएम मोदी बोले । गहलोत का दावा- पीएम मोदी के प्रोग्राम से हटाया मेरा भाषण, PMO का आया जवाब
राहुल गाँधी ऐसा क्यों कह रहे हैं कि बीजेपी और संघ सत्ता के लिए देश में आग़ लगा देंगे? क्या मणिपुर के गृहयुद्ध के मद्देनज़र ऐसा कहना ठीक है? क्या उन्होंने उत्तेजक बयान दिया है या वे सोच-समझकर बोल रहे हैं? क्या ये मोदी के बयानों की ये स्वाभाविक प्रतिक्रिया है?
प्रधानमंत्री ने बुधवार को कहा है कि मैं देश को ये भी विश्वास दिलाता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में भारत टॉप 3 इकोनॉमी में पहुंच कर रहेगा और ये मोदी की गारंटी है।
विपक्ष के इंडिया नाम को भाजपा ने इतना मशहूर कर दिया है, इसकी कल्पना इंडिया नाम देने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी नहीं की होगी। लेकिन पत्रकार राकेश अचल लिख रहे हैं - बिखरे विपक्ष की एकजुटता सत्तारूढ़ दल के लिए अचानक चुनौती में कैसे बदल गयी, ये समझ से बाहर है। पढ़िए उनके विचारः
प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष के प्रति इतने कटु क्यों होते जा रहे हैं? क्या विपक्षी दलों के INDIA ने उन्हें विक्षिप्त कर दिया है? क्या हार का डर उन पर इस कदर हावी हो गया है कि वे INDIA को इंडियन मुजाहिदीन और ईस्ट इंडिया कंपनी से जोड़ रहे हैं? या फिर वे एक रणनीति के तहत 2024 के चुनाव को कटुतापूर्ण बनाना चाहते हैं?
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। पादरी: उम्मीद थी कि पुलिस मदद करेगी, लेकिन उन्होंने हम पर गोली चला दी । पीएम मोदी नियुक्ति पत्र बांट रहे, कांग्रेस बोली- इवेंटजीवी पीएम
मणिपुर में हिंसा को लेकर देश भर में बढ़ रहा गुस्सा क्या कहता है? क्या मणिपुर संकट ने सरकार की क्षमताओं और नीयत से भरोसा उठा दिया है? इस नाकामी से मोदी की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय छवि को कितना धक्का पहुँचा है? क्या अब उनकी छवि एक नकारे शासक और सत्ता-लोभी नेता की बनती जा रही है?
मणिपुर की घटना से देश शर्मसार है । लेकिन राजनीति जारी है । प्रधानमंत्री मणिपुर की ज़िम्मेदारी लेने की जगह राजस्थान और छत्तीसगढ़ को भी जोड़ देते हैं । तीन महीने से मणिपुर में गृहयुद्ध की स्थिति है लेकिन प्रधानमंत्री चुप और मुख्यमंत्री कुर्सी पर क़ायम ? क्या प्रधानमंत्री कभी ज़िम्मेदारी लेंगे ?
क्या चंद्रचूड़ के कड़े रुख़ से मोदी और उनकी सरकार शर्मिंदा हुई होगी? छत्तीस सेकेंड के बयान के बाद क्यों खामोश हो गए मोदी? वे मणिपुर पर बोलने से भाग क्यों रहे हैं? अभी तक उन्होंने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया? वे मणिपुर की सरकार को क्यों बर्ख़ास्त नहीं कर रहे? मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को क्यों बनाए हुए हैं?