विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. समन्वय समिति बन गई. देश के विभिन्न हिस्सों में साझा रैलियां की जाएंगी. इसका क्या असर पड़ेगा? आज की जनादेश चर्चा.
मोदी के पास राहुल गाँधी के सवालों के क्या जवाब हैं? क्या वे ये बताएँगे कि अरबों रुपए भारत से कैसे बाहर गए और फिर अडानी की कंपनी में लग गए? क्या उनके पास इसका कोई जवाब है कि दो विदेशियों अडानी की धोखाधड़ी को कैसे अंजाम दे रहे थे और सरकार ने उन्हें क्यों नहीं रोका? गौतम अडानी का बड़ा भाई विनोद अडानी कैसे पैसे को इधर-उधर करता रहा और सरकार तथा सेबी ने कुछ क्यों नहीं किया?
मुंबई में I.N.D.I.A के विपक्षी गठबंधन की तीसरी महत्वपूर्ण बैठक जोरों पर है, ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर मिनट-दर-मिनट प्रतिक्रिया ले रहे हैं।
आख़िरकार तीसरे कार्यकाल के साथ देश पर शासन करने का उनका अपना सपना काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि I.N.D.I.A 2024 में उन्हें टक्कर देने के लिए किस तरह से तैयार होता है।
क्या इंडिया गठबंधन की असली लड़ाई अमित शाह से होने वाली है, न कि पीएम नरेंद्र मोदी से? कम से कम वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग का यही मानना है। उनका तो यहां तक कहना है कि मोदी अब अमित शाह को अलगी लड़ाई के लिए तैयार कर रहे हैं और मोदी के बाद कौन सवाल का हल भी बता दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार 28 अगस्त को 51000 नियुक्ति पत्र बांटे। पीएम का वर्चुअल रोजगार मेला काफी दिनों से चल रहा है। इससे ऐसा लग रहा है कि जैसे देश में रोजगार की बहार आई हुई है और तमाम बेरोजगारों को रोजगार मिल रहा है। लेकिन हकीकत कुछ और है, जिसे आम जनता को पता लगना चाहिए।
मोदी आज बीजेपी के सर्वेसर्वा है । लेकिन उनके बाद कौन हो सकता है उनका उत्तराधिकारी ? अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, नितिन गड़करी या राजनाथ सिंह या कोई और । कौन है जनता की पसंद ? आशुतोष के साथ चर्चा में विजय त्रिवेदी, विवेक देशपांडे, अजय आशिर्वाद और उत्कर्ष सिन्हा ।
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को बेंगलुरु में पहुंचने के बाद रोडशो करते हुए इसरो सेंटर में वैज्ञानिकों को बधाई देने पहुंचे। लेकिन एक छोटा विवाद भी हुआ। वो ये कि कर्नाटक के सीएम और डिप्टी सीएम को एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करने के लिए आने से मना कर दिया गया। क्योंकि अगर दोनों जाते तो वे फिर पीएम के साथ इसरो तक जाते। आगे का मतलब समझा जा सकता है।
क्या मोदी-शाह के रवैये की वज़ह से बीजेपी में असंतोष बढ़ रहा है? सुब्रमण्यन स्वामी मोदी के ख़िलाफ़ आग़ क्यों उगल रहे हैं? नितिन गडकरी सार्वजनिक तौर पर मोदी की उपेक्षा क्यों कर रहे हैं? वसुंधरा राजे को हाशिए से क्यों लगा दिया गया? शिवराज उनकी चापलूसी कब तक करेंगे? क्या और भी नेताओं में गुस्सा पनप रहा है और वह कभी भी फूटकर सामने आ सकता है? आरएसएस किसका साथ देगा?
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । मोदी आज की परिस्थिति में घबराए हुए हैं : सुब्रह्मण्यम स्वामी। क्या दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति के द्वारा PM मोदी का अपमान हुआ?
Satya Hindi news Bulletin हिंदी समाचार बुलेटिन । क्या मोदी को देखते ही गडकरी ने मुंह फेरा? भाव नहीं दिया! । इसरो चीफ बोले- हजारों वैज्ञानिकों की जीत, नासा ने दी बधाई
भारत के लिये गौरव का पल । चाँद पर उतरने वाला चौथा देश । वैज्ञानिकों की बड़ी सफलता । लेकिन फिर राजनीति करने से नहीं चूके प्रधानमंत्री । आशुतोष के साथ चर्चा में श्रवण गर्ग और मुक्तदर खान ।
तीन प्रमुख राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनावों से पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनाई गई 'मैं, मैं, मैं' नीति स्पष्ट रूप से मोदी को सत्तारूढ़ पार्टी के लिए एक समस्या में बदल सकती है। क्या मोदी बीजेपी में क्षत्रपों को ख़त्म कर देंगे?
प्रधानमंत्री का 15 अगस्त का भाषण बताता है कि भाजपा 2024 का लोकसभा चुनाव अमेरिकी स्टाइल में शख्सियत केंद्रित बनाना चाहती है। इसीलिए मोदी अब खुद को केंद्र में रखकर हर बात कह रहे हैं। पत्रकार सुदीप ठाकुर ने पीएम के भाषण का विश्लेषण अलग तरह से किया है।