क्या राम मंदिर के निर्माण के बाद भी मोदी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं हैं? इतनी सारी शक्ति हासिल करने के बाद भी मोदी किस बात से डरे हुए हैं? वे राहुल गाँधी की यात्रा पर हमले क्यों करवा रहे हैं? विपक्षी दलों पर अलोकतांत्रिक हमले करवाने के पीछे क्या कारण हैं?
मुख्य निर्वाचन अधिकारी, दिल्ली ने इस चर्चा को खारिज कर दिया कि 2024 का लोकसभा चुनाव 16 अप्रैल को होगा। उसने एक्स पर एक ट्विट कर साफ किया है कि अप्रैल में चुनाव की तिथि की घोषणा अभी नहीं हुई है।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और प्रधानमंत्री मोदी का भाषण क्या कहता है? क्या भारत पाकिस्तान की तर्ज़ पर धार्मिक देश बनने जा रहा है? क्या हिंदुत्ववादी राजनीति की बढ़ती ताक़त लोकतंत्र के लिए बड़ा ख़तरा है? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- श्रवण गर्ग, प्रो. अपूर्वानंद, प्रो. आदित्य मुखर्जी-
अयोध्या में प्रतिष्ठा समारोह के दौरान पीएम मोदी ने स्वयं घोषणा की कि उनके पास दैवीय शक्तियां हैं। दरअसल, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सबको साथ लेकर आम सहमति की बात करके मोदी को आईना दिखाने की कोशिश की है। मोदी ने देव से देश, राम से राष्ट्र जैसे कुछ नये नारे भी दिये
अयोध्या के राम मंदिर में सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। इस अवसर पर देश भर से बड़ी संख्या में नामचीन हस्तियां पहुंची थी। इसमें जहां एक ओर मुकेश अंबानी जैसे उद्योगपति पहुंचे थे वहीं अमिताभ बच्चन और रजनीकांत जैसे दिग्गज सेलिब्रेटी भी पहुंचे थे।
अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो गई है। कार्यक्रम में मौजूद लोगों को प्रधानमंत्री मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबोधित किया। मोदी का पूरा भाषण पढ़िए, उसके राजनीतिक संकेतों को समझिएः
अयोध्या सिर्फ राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए ही नहीं, प्रधानमंत्री मोदी के लिए भी तैयार है। राम मंदिर में हर शख्स उन्हीं का इंतजार कर रहा है, उनके आने पर घड़ी की सूई रुक जाएगी और महूर्त शुरू होगा। जानिए पूरा कार्यक्रमः
केंद्र सरकार से लेकर भाजपा शासित राज्य सरकारों में बिना पीएम मोदी कोई नीतिगत निर्णय नहीं लिया जा सकता। उसके नतीजे चाहे सही निकलें या गलत निकलें। मोदी ही भाजपा हैं और भाजपा ही मोदी है। यह रुतबा ऐसे ही नहीं मिलता। इसके लिए मोदी ने कड़ी मेहनत की है। लेकिन स्तंभकार वंदिता मिश्रा का इशारा कुछ और है। पढ़कर समझिएः
अयोध्या में सोमवार 22 जनवरी को एक नहीं 15 यजमान प्राण प्रतिष्ठा पर बैठेंगे। शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी को यजमान बनाने की चर्चा मीडिया ने चलाई थी। लेकिन जब यह बात आई की वहां पत्नी के साथ पूजा के लिए बैठना होता है तो मुख्य यजमान के रूप में अयोध्या अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ऊषा को चुना गया। बहरहाल, वहां पीएम मोदी तो होंगे ही, लेकिन मंच के आसपास 15 यजमान भी नजर आएंगे।
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महाराष्ट्र में पीएम आवास योजना के अंतर्गत गरीबों के लिए बनी सबसे बड़ी सोसायटी के लोकार्पण की बात करते हुए अपने बचपन को याद कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को मंच पर ही भावुक हो गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि काश... मुझे भी बचपन में ऐसे घर में रहने का मौका मिला होता।
पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा है कि आज कल पूरा देश राममय है, रामभक्ति में सराबोर है, लेकिन प्रभु श्रीराम का जीवन विस्तार, उनकी प्रेरणा, आस्था भक्ति के दायरे से कहीं ज्यादा है।
भाजपा सरकार खुलेआम ईडी, सीबीआई और आईटी का इस्तेमाल विपक्ष को डराने-धमकाने में कर रही है। उन्होंने कहा कि जब यह लोग विपक्ष के लोगों को पकड़ते हैं, तो उनके ऊपर कोई भी केस थोप देते हैं।
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