पेगासस स्पाइवेयर मामले की जाँच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा या सेवानिवृत्त जज से कराए जाने की मांग को लेकर वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी, ईडी के अधिकारी भी उन लोगों में शामिल हैं जो पेगासस स्पाइवेयर के निशाने पर थे। 'द वायर' ने 'पेगासस प्रोजेक्ट' की अपनी ताज़ा रिपोर्ट में इनके नामों के खुलासे किए हैं।
पेगासस तकनीक के सहारे जासूसी की अंतरराष्ट्रीय ख़बर के बाद इस पर बहस छिड़ गई है कि क्या ऐसी तकनीक की इज़ाज़त किसी रूप में देनी चाहिए जो राज्य के लिए हमारी निजता का पूरी तरह से अतिक्रमण करना इतना आसान बना दे?
पेगासस मामले की जाँच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराए जाने को लेकर सीपीएम के एक सांसद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इससे पहले एक वकील ने भी अदालत में याचिका दायर कर इसकी मांग की थी।
इजराइली कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर पर हंगामा मचा है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि इसके माध्यम से दुनिया भर में लोगों पर जासूसी कराई गई। जानिए अब तक कौन-कौन नाम सामने आए-
जिस पेगासस स्पाइवेयर से भारतीयों के जासूसी कराए जाने के आरोप लग रहे हैं उस पेगासस की रिपोर्टें उजागर कर रहे 'द वायर' के कार्यालय में आज पुलिस पहुँच गई। 'द वायर' के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने यह आरोप लगाया है।
प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया, एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया सहित पत्रकारों के कई संगठनों ने पेगासस से कथित जासूसी की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि नागरिकों की जासूसी करने से लोकतंत्र कमजोर होता है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जाँच की मांग की गई है।
इज़रायल में निर्मित जासूसी करने वाले पेगासस सॉफ़्टवेयर या स्पाईवेयर की मदद से आतंकवाद और आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण के नाम पर नागरिक समाज के भी कुछ चिन्हित किए गए सदस्यों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल को भी इसी नज़रिए से देखा जा सकता है।
एनएसओ का कहना है कि वह पेगासस सिर्फ़ सरकारों या उनकी संस्थाओं को बेचती है। तो क्या भारत में भारत सरकार यह कर रही है? या कोई और सरकार इसके ज़रिए भारत के पूरे तंत्र की जासूसी कर रही है? दोनों ही गंभीर चिंता का विषय हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पेगासस को लेकर बुधवार को सीधे मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 'सर्विलांस स्टेट' यानी 'जासूसी राज्य' बनने से लोकतंत्र ख़तरे में है।
पेगासस स्पाइवेयर दुनिया भर में चर्चा में है। इजरायली कंपनी एनएसओ पेगासस स्पाइवेयर को क्यों तैयार किया? आख़िर इसकी शुरुआत किस मक़सद से हुई थी और यह अब क्या कर रही है?
इजाराइली कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर से निशाना बनाए जाने पर जहाँ सरकार की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं वहीं अब ख़बर आई है कि फ़ोरेंसिक जांच में कई फ़ोन इन्फ़ेक्टेड पाए गए हैं।
भीमा कोरेगांव केस को लेकर आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज भी पेगासस स्पाइवेयर के निशाने पर थीं। वह अभी भी जेल में बंद हैं। वह उन 16 आरोपियों में से एक हैं जिन्हें भीमा कोरेगाँव के मामले में आरोपी बनाया गया है।
जिस पेगासस स्पाइवेयर से भारत में नेताओं, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, जजों की जासूसी कराए जाने के आरोपों को सिरे से खारिज किया जा रहा है उसी पेगासस से कई फ्रांसिसी पत्रकारों की जासूसी के आरोपों पर फ्रांस में जाँच शुरू की गई है।
इजराइली एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस से भारत में जासूसी कराने के जो आरोप लग रहे हैं उसे कौन करा रहा होगा और इतने खर्चीले स्पाइवेयर से कौन सौदा कर सकता है?