बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद के कथित भ्रामक और झूठे विज्ञापनों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आख़िर कंपनी और केंद्र सरकार की खिंचाई क्यों की? जानिए, अवमानना नोटिस क्यों दिया।
केंद्र सरकार ने नियम- क़ानूनों की अवहेलना की और अपनी ही स्वायत्त संस्था की सिफ़ारिशों की जानबूझ कर अनदेखी की ताकि रामदेव के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को निजी परीक्षा बोर्ड की स्थापना करने का मौका दिया जा सके।
पतंजलि की कथित कोरोना दवा 'कोरोनिल' को पेश करने और उसका समर्थन करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन विवादों में हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने उनसे सफाई माँगते हुए पूछा है कि 'फ़र्जीवाड़े से तैयार किए गए' 'अवैज्ञानिक उत्पाद' का वे स्वास्थ्य मंत्री के रूप में समर्थन कैसे कर सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रामदेव व कंपनी से जुड़े अधिकारी बाल कृष्ण ने दवा की खोज का दावा किया, लेकिन इस कथित दवा के पैकेट पर उसे ‘सपोर्टिंग मेज़र’ कहा गया है, दवा नहीं।
शहद घोटाले में देश की बड़ी बड़ी कंपनियों की कलई खुल गई है । तीन को छोड़कर बाक़ी सारी कंपनियों के शहद में चीन से आयातित रसायन मिला है । प्रसिद्ध स्वयंसेवी संस्था CSE के पर्दाफ़ाश के बाद कंपनियों में हड़बड़ी है । सबसे ज़्यादा हड़कंप रामदेव की पातंजलि के बारे में मचा है । सवाल कर रहे हैं शीतल पी सिंह
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। शहद में मिलावट! क्या रामदेव की कंपनी फ्रॉड कर रही है? । पंजाब के सीएम कैप्टन और गृहमंत्री शाह ने की मुलाकात
पतंजलि, डाबर जैसी कंपनियों के जिस शहद को शुद्ध कहकर बेचा जा रहा है उसपर गंभीर सवाल उठे हैं। सेंटर फ़ोर साइंस एनवायरमेंट यानी सीएसई ने कहा है कि प्रमुख ब्रांडों के शहद में शुगर सिरप मिलाया हुआ पाया गया है।
रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण ने दावा किया था कि पतंजलि नामक उनकी कंपनी ने कोरोना की दवा विकसित कर ली है और उसके क्लिनिकल ट्रायल भी सफल कर लिये हैं। देसी टीवी चैनलों और अख़बारों ने तो इसे प्रमुखता दी पर दुनिया में किसी ने भी इस दावे को गंभीरता से नहीं लिया। शीतल पी सिंह ने इस सिलसिले में इंग्लैंड के दो भारतीय मूल के कोरोना के मामले से सीधे जुड़े विशेषज्ञ डाक्टरों से बातचीत की, सुनिये देखिये।
रामदेव अठारह मार्च से ही मीडिया में दावे कर रहे हैं कि उन्होंने कोरोना का इलाज ढूँढ लिया है जबकि सारी दुनिया में कोई ऐसा दावा करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। इधर एक अमेरिकी लैब के प्रमुख साइंटिस्ट ने सत्यहिंदी को बताया कि रामदेव तो उनके यहाँ अभी उसी दवा के परीक्षण के लिए लंबित हैं। देखिए 'शीतल के सवाल'।