पाकिस्तान में इमरान ख़ान के 'लॉन्ग मार्च' के बाद खलबली मची है। सवाल उठ रहा है कि क्या फिर से पाकिस्तान में अस्थिरता का दौर तो नहीं आएगा? आख़िर ऐसा बार-बार क्यों होता है?
इमरान खान पाकिस्तान की ताक़तवर खुफिया एजेंसी आईएसआई और आर्मी पर लगातार हमला कर रहे हैं। क्या इमरान का हुकूमत के साथ ही आईएसआई और आर्मी से भी टकराव और बढ़ेगा?
पाकिस्तान सरकार के मुखर विरोधी अरशद शरीफ की केन्या में हत्या कर दी गई। अरशद के खिलाफ पाकिस्तान के तमाम शहरों में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया था। सोशल मीडिया पर इस हत्या के लिए पाकिस्तान के जनरल बाजवा को जिम्मेदार बताया गया है।
अब कोरोना महामारी से उपजे संकट के बीच पाकिस्तान के हालात एक बार फिर से करवट लेने लगे हैं। कहा जाने लगा है कि अब इमरान ख़ान चंद दिनों के मेहमान हैं और सेना ने वहाँ तख्तापलट की तैयारी कर ली है।
अटकलें तेज़ हो गई हैं कि फौज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से नाराज़ है। कोरोना से से निपटने के मामले में इमरान ख़ान ने जो ढिलाई दिखाई है, उससे ख़फ़ा होकर ही उसने एकतरफा तौर पर लॉकडाउन की घोषणा करके कमान अपने हाथों में ले ली है। ऐसे में क्या तख्ता पलट के लिए उनके ख़िलाफ़ अब माहौल बन चुका है?
पाकिस्तान सेना के प्रमुख क़मर बाजवा ने बड़े-बड़े उद्यमियों के साथ निजी बैठक क्यों की है? पाकिस्तान की राजनीति में हमेशा ताक़तवर रही सेना क्या अब वहाँ की अर्थव्यवस्था को भी तय करेगी?