बिहार में जाति सर्वेक्षण के आँकड़े आने के बाद अब इस पर सियासत तेज़ हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे पूरे में कराने की मांग की है। जानिए, किसने क्या प्रतिक्रिया दी है।
विपक्षी नेताओं ने मंगलवार 12 सितंबर को अमेरिकी सेब पर से आयात शुल्क को कम करने के केंद्र सरकार के हालिया कदम का विरोध किया है। विपक्ष ने सरकार से सवाल किया है कि अमेरिकी सेब से आयात शुल्क कम क्यों किया गया है?
बिना एजेंडा बताए, संसद का विशेष सत्र बुला लिया गया है। लेकिन ऐसा नामुमकिन है कि सरकार ने बिना सोचे समझे विशेष सत्र बुला लिया हो। हो सकता है कि सरकार ने कुछ ऐसा सोचा हो, जिसे वो बताना न चाहती हो लेकिन अगर विपक्ष सवाल न करे तो क्या करे। विपक्ष को लगातार सवाल पूछना चाहिए, जिसे वो कर भी रहा है।
पटना बैठक से पहले मीडिया ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बीमार पड़ने को उनकी कथित नाराजगी से जोड़ दिया, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है। पढ़िए ताजा राजनीति पर यह रिपोर्टः
तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की ईडी की गिरफ्तारी के बाद से फिर से बीजेपी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। जानिए, वे आख़िर किस आधार पर आरोप लगा रहे हैं कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है।
ऑर्गनाइजर अखबार में मोदी मैजिक और हिन्दुत्व को 2024 आम चुनाव के लिए नाकाफी बताए जाने पर अगले लोगसभा चुनाव की चर्चा शुरू हो गई। पत्रकार कृष्ण प्रताप सिंह ने विपक्ष और सत्तारूढ़ पार्टी के तरकश की पड़ताल की है कि किसके पास क्या मुद्दे हैं।
विपक्षी एकता के लिए 23 जून को बिहार में होने वाली बैठक को लेकर 15 दलों ने सहमति दे दी है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज इसमें शामिल होने की घोषणा की है। भाजपा इस एकता बैठक को लेकर लगातार हमले कर रही थी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने आज उनका जवाब दिया है।
हिंदू राष्ट्र का सपना देखने वाले सावरकर की जयंती पर सत्ता के कथित हस्तांतरण के प्रतीक ‘सेंगोल’ की प्राण-प्रतिष्ठा संविधानसम्मत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को लेकर अब संदेह पैदा कर रहा है।...वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग कह रहे हैं कि पुरानी संसद आज भी वास्तविक सत्ता हस्तांतरण और इतिहास की गवाह है, इसलिए इतिहास को सुरक्षित रखने के लिए पीएम मोदी विपक्ष को वो बिल्डिंग सौंप सकते हैं।
देश के सभी विपक्षी दलों की 12 जून को पटना में बैठक बुलाई गई है। हालांकि यह मुख्य बैठक नहीं है, बल्कि तैयारी बैठक है। लेकिन विपक्ष का एक जगह जुटना पहली बार होगा।
नए संसद भवन में स्थापित किए जा रहे सेंगोल को लेकर देश में मीडिया का एक खास वर्ग ऐसा प्रस्तुत कर रहा है जैसे कोई बहुत बड़ा खजाना हाथ लग गया हो। लेकिन जो सत्य सामने आ रहा है, उससे सेंगोल की कहानी कुछ और है। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव ने भी इस पर काफी कुछ तलाश किया हैः
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार के सिलसिले में 19 दलों का संयुक्त बयान सामने आया है लेकिन कुछ विपक्षी दल अभी भी नादारद हैं, जबकि वो बाकायदा विपक्ष का हिस्सा हैं। ऐसे में ताजा विपक्षी एकजुटता को कितना मजबूत माना जाए।
विपक्षी एकता के लिए बेकरार नीतीश कुमार समुद्र मंथन से अभी तक मोती नहीं निकाल पाए हैं। विपक्षी एकता के कई यक्ष प्रश्न हैं। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक शैलेश की नजर विपक्षी एकता की कोशिशों पर लगातार बनी हुई है। जानिए, वो क्या बता रहे हैंः
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव यानी केसीआर भी विपक्षी मोर्चे में शामिल होने को तैयार हो गए हैं। उन्हें कांग्रेस पर भी ऐतराज नहीं है। लेकिन उनकी एक शर्त है, क्या है वो शर्त, पढ़िए पूरी रिपोर्टः
कांग्रेस विपक्षी एकता का दायरा बढ़ा रही है। उसकी एक झलक दिल्ली में मिली है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि केजरीवाल को सीबीआई समन मिलने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कल शाम को केजरीवाल से फोन पर बात की और पार्टी का समर्थन दोहराया।