विपक्षी दलों को जोड़ने के केसीआर की कोशिशों से किसको फ़ायदा होगा? क्या केसीआर खुद को प्रोजेक्ट करने के लिए विपक्षी दलों का मेला लगा रहे हैं? क्या इससे विपक्षी एकता के प्रयासों को धक्का लगेगा? क्या क्षेत्रीय दल काँग्रेस से डरकर अलग गोलबंदी कर रहे हैं? क्या क्षेत्रीय दलों को ये लग रहा है कि काँग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी इसलिए उन्होंने खुद को एकजुट करना शुरू कर दिया है?